‘पिछड़ों और गरीबों की शक्ति का नाम है हनुमान, वो समाज को सँभालने वाले’: IGNOU प्रोफेसर्स से बोले केंद्र मंत्री – आप सब में उनके गुण

इग्नू के 35वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते धर्मेंद्र प्रधान (फोटो साभार: ANI)

देश में हनुमान चालीसा को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने नया बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार (26 अप्रैल, 2022) को कहा कि इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के प्रोफेसर भगवान हनुमान की तरह हैं जिन्हें अपनी शक्ति का आभास नहीं था। उन्होंने कहा कि इग्नू के प्रोफेसरों के काम की सराहना की जानी चाहिए।

अध्यापकों में हनुमान के गुण

हनुमान चालीसा को लेकर हाल में उठे विवादों (Hanuman Chalisa Controversy) पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारे देश में सहिष्णुता के बारे में बोला जाता है और लिखा जाता है। कई बार हमें विदेशों से भी इस बारे में सलाह मिलती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह हमारे लोकतंत्र में अंतर्निहित है।”

उन्होंने कहा कि इग्नू के सभी प्रोफेसर और देशभर में इसके क्षेत्रीय केंद्रों से जुड़े अध्यापकों में हनुमान जी के गुण हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इग्नू में जो प्रोफेसर्स हैं, आप जहाँ-जहाँ सेंटर्स में बैठें हैं, आप लोग सच में हनुमान हो। आप लोग अंजनी पुत्र हो। अंजनी पुत्र का एक गुण है। वो समाज को सँभालने वाले, बचाने वाले और कभी-कभी साहित्यकार कहते हैं कि हनुमान आदिवासी हैं। वह पिछड़ों, गरीबों और वंचितों के प्रतिनिधित्व करने वाली शक्ति का नाम है हनुमान। उस हनुमान को अपना ताकत का अहसास खुद नहीं होता है। कभी-कभी उन्हें याद दिलाना पड़ता था कि आप क्या कर सकते हो। कोई ललकारता था, कोई समझाता था तो वो असंभव काम करते थे। आप इग्नू वाले भी हनुमान हो।”

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान ने यह बातें कहीं। दीक्षांत समारोह में देशभर में कुल 2,91,588 छात्रों ने डिग्री और डिप्लोमा हासिल किए जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “अगर हम भारत को ज्ञान आधारित आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, तो हमें अपने शिक्षा परिदृश्य में एक आदर्श बदलाव सुनिश्चित करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 हमारी शिक्षा और कौशल के परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक कदम है।

उन्होंने कहा, “इसके साथ ही प्रधान ने कहा कि हमें वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप अपनी शिक्षा प्रणाली को अधिक समग्र, सहानुभूतिपूर्ण और वैश्विक भलाई के लिए अपनी सभ्यतागत संपदा और अपनी भारतीय ज्ञान प्रणाली की अपार क्षमता का उपयोग करना होगा।”

हनुमान चालीसा विवाद

गौरतलब है कि हनुमान चालीसा विवाद मामले में गिरफ्तार चल रही महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को फिलहाल मुंबई की सेशन कोर्ट से राहत नहीं मिली है। दोनों की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट की ओर से सुनवाई को टाल दिया गया। अब इस मामले में 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। राणा दंपती को हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर उठे विवाद के बाद गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपती पर आईपीसी की धारा 15A और 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज है। सबसे बड़ी धारा 124A, यानी राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया