हिजाब वाली छात्राओं के विरोध में हिंदुओं ने धारण किया प्रभु का नाम, झड़प के बाद बंगाल में परीक्षा रद्द: TMC विधायक ने हिजाब को बताया अधिकार

बुर्के में मुस्लिम महिलाएँ (प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार: AP)

इस्लामी कट्टरपंथी शिक्षण संस्थानों को भी बख्शना नहीं चाहते। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद कर्नाटक (Karnataka Hijab Controversy) में उठा स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की माँग ठंडा भी नहीं हुआ कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के शासन वाले पश्चिम बंगाल (West Bengal) ने इसने फिर सिर उठा लिया है।

बंगाल बोर्ड से संबद्ध हावड़ा का धुलागोरी आदर्श स्कूल में कुछ मुस्लिम छात्राएँ हिजाब पहनकर स्कूल में चली आईं। इसके बाद हिंदू विद्यार्थियों ने इसका विरोध किया और वे धार्मिक चिह्न पहनकर स्कूल पहुँच गए। इसके बाद दोनों गुट आपस में भिड़ गया। हालात को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने तुरंत छुट्टी की घोषणा कर दी।

दरअसल, स्कूल में 11वीं की परीक्षा के दौरान मुस्लिम छात्राएँ हिजाब पहनकर क्लास में बैठ गईं। इसका विरोध हिंदू छात्राओं ने किया। इस पर मुस्लिम छात्राएँ उनसे भिड़ गईं। दोनों के बीच कहासुनी हो गई। अगले दिन हिंदू छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करते हुए नामावली डालकर स्कूल आना शुरू कर दिया। इन गमछों पर राम नाम लिखा होता है।

इसके साथ ही कुछ हिंदू छात्र टी-शर्ट में आए। उनके टी-शर्टों पर भगवान शिव की तस्वीर बनी हुई थी। उन्हें स्कूल प्रशासन ने गेट पर रोक लिया। इसके बाद कुछ अन्य हिंदू छात्र-छात्राएँ उनके समर्थन में आ गए। इसको देखते हुए स्कूल प्रशासन ने आदेश दिया कि सभी छात्र-छात्राएँ सिर्फ यूनीफॉर्म में ही स्कूल आएँगे।

स्कूल प्रशासन के इस आदेश का मुस्लिम छात्र एवं छात्राओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। वहीं, हिंदू छात्रों ने इसका समर्थन किया। धीरे-धीरे यह दोनों गुटों के बीच झड़प का कारण बन गई। इस दौरान एक मजहब के कुछ छात्रों ने स्कूल की कुर्सी-मेज एवं अन्य सामानों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और स्थिति को सँभालने का प्रयास किया। स्कूल में अशांति और तनाव को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने मंगलवार (22 नवंबर 2022) को होने वाली 11वीं और 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया।

राज्य सरकार में मंत्री अरूप राय ने कहा, “इसे उकसाया गया है। मैंने पुलिस से कहा है कि इस मामले की पूरी गंभीरता से जाँच करे और इसके दोषियों का ही सिर्फ पता नहीं लगाए, बल्कि यह भी पता लगाए कि इन्हें उकसाने वाले लोग कौन हैं।”

बता दें कि बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के विधायक मदन मित्रा (Madan Mitra) ने स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “जब कोई सिख हेलमेट पहनता है तो वह भारत के संविधान के खिलाफ नहीं जाता है। कानून में इसकी अनुमति है। ऐसे ही कोई मुस्लिम लड़की हिजाब पहनती तो उसका विरोध नहीं होना चाहिए।”

उधर, भाजपा ने मदन मित्रा के बयान का तीखा विरोध किया है। भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल (Agnimitra Paul) ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों को यूनिफॉर्म ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए। कोर्ट ने भी यही निर्णय दिया है।

बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद के दौरान इस साल फरवरी में बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित एक स्कूल के स्टाफ पर हमला कर दिया गया था। हमलावरों का आरोप था कि स्कूल के हेडमास्टर ने कुछ छात्राओं को हिजाब के बजाय स्कूल का ड्रेस पहनने के लिए कहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया