अयोध्या के भव्य राममंदिर में प्रतिष्ठित हुए रघुकुल दीपक, सनातनियों की 500 वर्षों की पूर्ण हुई तपस्या: PM मोदी ने की पूजा

रामलला के दरबार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभारः दूरदर्शन)

अयोध्या में रामलला अपने जन्मस्थान पर हमेशा के लिए विराजमान हो गए। इसी के साथ सनातनियों की सदियों की तपस्या भी पूर्ण हो गई, जिसके लिए वो 500 वर्षों तक त्याग और बलिदान करते रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास व अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे।

मंत्रोच्चार एवं वैदिक कर्मकांड के साथ रामलला को प्राण प्रतिष्ठित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मुख्य यजमान की भूमिका निभाई। वो चाँदी का मुकुट लेकर गर्भगृह में पहुँचे थे।

रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह (फोटो साभार : इंडिया टीवी)

राम मंदिर का निर्माण केवल एक भवन का निर्माण नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म के लिए महत्वपूर्ण आध्यात्मिक उपलब्धि है। यह मंदिर सनातन मूल्यों और सिद्धांतों का प्रतीक है। राम मंदिर हिंदू धर्म के भूत, वर्तमान और भविष्य का प्रतीक है। यह मंदिर सनातन परंपरा के अतीत की शानदार विरासत को संजोता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के वर्तमान को मजबूत करता है।

यह मंदिर हिंदू धर्म के भविष्य के लिए एक नई आशा का संदेश देता है। राम मंदिर का निर्माण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है। यह घटना भारत की संस्कृति और सभ्यता की विरासत को दर्शाती है। यह घटना भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करती है। राम मंदिर भारत के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यह मंदिर भारत में शांति, समृद्धि और भाईचारे का संदेश देता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया