ओवैसी की पार्टी (AIMIM) के पूर्व नेता और मजलिस बचाओ तहरीक के नेता अमजद उल्लाह खान ने ट्विटर पर तस्वीरें शेयर करते हुए भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया है कि उनके कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना के करीमनगर में जय श्री राम न बोलने पर एक मुस्लिम लड़के की पिटाई कर दी थी। इसे दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भी शेयर किया जा रहा है।
https://twitter.com/amjedmbt/status/1134637484329955328?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/askidrees/status/1134762747261005827?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/SyedAnw68757580/status/1134681811043229696?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/mirtariq999/status/1134664350998728707?ref_src=twsrc%5Etfwअमजद का ये आरोप बिल्कुल निराधार है, क्योंकि तेलंगाना के करीमनगर के पुलिस कमिश्नर ने मुस्लिम व्यक्ति का एक वीडियो शेयर करते हुए साफ किया कि उस लड़के को निजी कारणों की वजह से पिटाई की गई है। इसका कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
https://twitter.com/HiHyderabad/status/1134645688027951104?ref_src=twsrc%5Etfwउन्होंने बताया कि ये सांप्रदायिक मामला नहीं, बल्कि लव-स्टोरी का मामला है और पिछले कुछ दिनों से एक किशोर लड़की को परेशान करने के लिए लड़के को पीटा गया है। पुलिस ने उन 5 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिन्होंने उसकी पिटाई की थी। इसके साथ ही, उस मुस्लिम लड़के के पिता ने ये भी बात स्वीकारी है कि इसमें उनके बेटे की गलती थी, जिसकी वजह से उसकी पिटाई की गई और उन्होंने इस बात के लिए माफी भी माँगी। साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इस घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
इस घटना की सच्चाई के सामने आने के बाद लोगों ने मामूली सी घटना को सांप्रदायिक रंग देकर नफरत फैलाने के लिए अमजद उल्लाह खान को निशाने पर ले लिया। लोगों ने उससे फेक खबर को डिलीट करने के लिए कहा।
आए दिन मामूली सी मारपीट की घटना को कुछ लोग सांप्रदायिक रंग देने का भरपूर प्रयास करते हैं। अभी पिछले दिनों 25 मई को गुरुवार की रात कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक (बरकत अली) की टोपी फेंकने और जबरन जय श्री राम बुलवाने का मामला सामने आया था। मगर, जब पुलिस ने इसकी तहकीकात की, तो पता चला कि मुस्लिम युवक के साथ मारपीट हुई थी। लेकिन इस दौरान न तो किसी ने उसकी टोपी फेंकी और न ही उसकी शर्ट फाड़ी गई। जाँच के दौरान सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ये बात निकल कर सामने आई कि दो युवकों के बीच कहासुनी के बाद हाथापाई हुई और इस दौरान मुस्लिम युवक की टोपी गिर गई, जिसे उसने खुद ही उठाकर अपनी जेब में रखा, किसी दूसरे ने उसकी टोपी को हाथ तक नहीं लगाया। इस मामले में भी पुलिस ने कहा था कि शराब के नशे में की गई मामूली सी मारपीट की घटना को कुछ असामाजिक तत्व सांप्रदायिकता का रंग देने का प्रयास कर रहे हैं।