पंजाब के ‘किसान’ आंदोलन ने ली एक और जान: प्रदर्शनकारी अमरिंदर सिंह ने जहर खाकर की आत्महत्या

दिल्ली बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या (सांकेतिक तस्वीर)

दिल्ली की सीमाओं पर 45 दिन से चल रहे किसानों के विरोध के बीच शनिवार (9 दिसंबर, 2021) को एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। खबर है कि पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से आए करीब 40 वर्षीय के अमरिंदर सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर लगे एक मंच के पीछे जहर खा कर अपनी जान दे दी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमरिंदर सिंह कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के रुख से नाराज थे और इसी के चलते उन्होंने इतना बड़ा कदम उठा लिया। दरअसल, शनिवार देर शाम सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच एक मंच पर वक्ताओं का कार्यक्रम चल रहा था। उसी दौरान मंच के पीछे से सल्फास खाए हुए अमरिंदर चिल्लाते हुए मंच के सामने आए और कुछ देर बाद ही उन्होंने अपना दम तोड़ दिया।

कहा जा रहा है कि अमरिंदर सिंह कुछ बोलने का प्रयास कर रहे थे, हालाँकि जब तक वह बोलते उनके मुँह से झाग निकलना शुरू हो गया और वे बेहोश होकर गिर पड़े। वहाँ मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें नजदीकी फ्रैंक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

किसान की मौत पर संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना दु:ख जताया है। उन्होंने जानकारी दी कि अमरिंदर इलाज के दौरान शाम करीब साढ़े सात बजे अपना दम तोड़ दिया। वहीं जैसे ही बॉर्डर पर किसानों को यह बात पता चली, उन्होंने जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। हालाँकि मौके से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद हुआ है।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब किसी किसान ने इस तरह आत्महत्या की हो। इससे पहले भी प्रदर्शन स्थल पर कृषि कानून का विरोध करने वाले एक संत और एक किसान ने आत्महत्या की थी।

बता दें सिंघु बार्डर पर किसानों के धरने में शामिल संत राम सिंह ने खुद को कथित तौर पर गोली मार ली थी। जिससे उनकी मौत हो गई थी। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उन्होंने पंजाबी में लिखा एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। संत बाबा राम सिंह हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे।

वहीं मरने के बाद सोशल मीडिया पर संत राम सिंह की आत्महत्या की खबरों के साथ-साथ एक नर्स की ऑडियो वायरल था। इसमें नर्स एक पंजाबी न्यूज चैनल को बता रही थी कि वह लंबे समय से बाबा संत राम से जुड़ी हुई थीं। नर्स ने बाबा के खुद को गोली मारने की खबर को गलत बताया।

उन्होंने कहा कि बाबा खुद को गोली मार ही नहीं सकते। इसके अलावा जो बाबा के नाम पर सुसाइड नोट जारी किया गया है, वह उनका नहीं है। यह उनकी हैंडराइटिंग नहीं है। वह कहती हैं कि जो शख्स सब को डटे रहने की सलाह देता हो, वो खुद को मार ही नहीं सकता।

वहीं किसान आंदोलन के 38वें दिन में गाजीपुर बॉर्डर पर एक 75 वर्षीय किसान ने शौचालय में आत्महत्या कर ली थी। मृतक किसान की पहचान कश्मीर सिंह के रूप में हुई थी। आत्महत्या करने वाले किसान का एक कथित सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनकी शहादत बेकार ना जाए। कश्मीर सिंह ने यह भी लिखा था कि उनका अंतिम संस्कार दिल्ली यूपी की सीमा पर ही किया जाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया