मोदी सरकार के 3 मंत्रियों ने सँभाला मोर्चा, प्रदर्शनकारियों से कर रहे बात: ‘किसान आंदोलन 2.0’ को लेकर दिल्ली में धारा-144, बॉर्डरों पर सख्ती

दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान (फोटो साभार : इंडिया टीवी)

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी यूपी से एक बार किसानों का हुजूम दिल्ली की ओर चल पड़ा है। गाड़ियों, ट्रैक्टरों में राशन लादे किसानों के काफिले कई जगहों से आगे बढ़ रहे हैं। किसानों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया है। इस बार के आंदोलन की अगुवाई मुख्य संयुक्त किसान मोर्चा नहीं कर रहा है, बल्कि संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) कर रहा है। हालाँकि दिल्ली की ओर बढ़ने की तैयारी कर रहे किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस के साथ ही दिल्ली पुलिस ने भी व्यापक इंतजाम किए हैं। किसान आंदोलन को देखते हुए पूरी दिल्ली में 12 फरवरी से 12 मार्च तक धारा 144 लागू कर दी गई है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने यह आदेश दिए हैं।

दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सख्ती

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के 13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोकने की तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है। इसके लिए सोनीपत-दिल्ली की सीमा पर स्थित कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर संपर्क मार्ग को बंद कर दिया गया है। सड़क पर लोहे के कंटेनर रखकर उनमें मिट्टी भरी जा रही है। साथ ही भारी संख्या में लोहे व पत्थर के बैरिकेड लगा दिए गए हैं। अब दिल्ली में वाहनों का आना-जाना सिर्फ फ्लाईओवर के ऊपर से हो रहा है। फ्लाईओवर के ऊपर भी खाली कंटेनर, पत्थर व लोहे के बैरिकेड और कंटीले तार रखे गए हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कही ये बात

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार (11 फरवरी 2024) किसानों के लिए कहा था कि किसानों को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक रहा है। वह ट्रेन, बसों से जा सकते हैं लेकिन उन्हें ट्रैक्टरों में जाना है, हथियारों के साथ जाना है। ऐसा करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। सीएम ने कहा कि अगर किसान ट्रैक्टर लेकर जाएंगे और हथियार आगे बांधकर जाएंगे तो कोई भी इन्हें जाने की इजाजत नहीं देगा।

तीन मंत्री कर रहे किसानों से बातचीत

इस बीच, भारत सरकार ने किसानों की माँगों को सुनने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसके तीनों सदस्य केंद्रीय मंत्री हैं। सोमवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं। ये दूसरे दौर की बातचीत होगी। इससे पहले 8 फरवरी को भी किसानों और सरकार के बीच बातचीत हो चुकी है।

चंडीगड़ में किसानों और सरकार के बीच बातचीत अगर असफल रहती है तो गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील किया जा सकता है। दिल्ली पुलिस टिकरी बॉर्डर पर ड्रोन के जरिए निगरानी कर रही है। वहीं, सिंघु बॉर्डर पर 3 लेयर सिक्योरिटी का प्लान बनाया गया है। बैरिकेडिंग के साथ-साथ पूरे सिंघु बॉर्डर से लेकर मुकरबा चौक तक 16 किलोमीटर के रास्ते को 8 जोन में बांटा गया है। वहीं, हरियाणा के फतेहाबाद में अस्थाई जेल बनाई गई है। इसके अलावा हरियाणा में वाटर कैनन और वज्र वाहनों को तैनात किया गया है। हरियाणा सरकार ने 11 से 13 फरवरी तक अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और बल्क एसएमएस निलंबित कर दिए हैं।

क्या है किसानों की माँगे?

इस बार ‘दिल्ली चलो’ का नारा देकर कूच कर रहे किसान संगठनों की भी नही माँग है, जो पिछली बार थी। एमएसपी की गारंटी के साथ ही बिजली की दलों में छूट और कर्ज माफी की भी माँग है। किसानों ने पिछले आंदोलन के समय दर्ज हुए मुकदमों को भी तुरंत खारिज करने की माँग की है और लखीमपुर में मारे गए चार किसानों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद की माँग कर रहे हैं। किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की माँग भी कर रहे हैं, जिसमें लागत की तुलना में एमएसपी को डेढ़ गुना करने की माँग है।

वैसे, 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ नारे के साथ दिल्ली कूच कर रहे किसानों की मोर्चेबंदी काफी कड़ी है। इस बार उन्होंने ट्रैक्टरों को मोडिफाई किया है और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़ने की भी रणनीति बनाई है। इस आंदोलन के तीन दिन बाद ही यानी 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने भी भारत बंद का ऐलान किया है। इस दौरान दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक देश के सभी नेशनल हाईवे को ब्लॉक करने की रणनीति बनाई गई है

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया