स्कूल में उर्दू-अरबी पढ़ने का दबाव, NCPCR ने तलब की रिपोर्ट: हरिश्चंद्र बना हसमत अली, सलीम की ड्राइवरी करते विजय भी बना मुस्लिम

फतेहपुर के नुरुल हुदा इंग्लिश स्कूल का एक दृश्य (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के ‘आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS)’ द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों मौलानाओं के नेटवर्क का एक-एक कर खुलासा तो हो ही रहा है, साथ ही ऐसे लोग भी सामने आ रहे हैं जिन्हें इस इस्लामी धर्मांतरण गिरोह ने अपने शिकार बनाया था। फतेहपुर के नूरुल हुदा इंग्लिश स्कूल इस्लामी धर्मांतरण की गतिविधियों के केंद्र के रूप में सामने आया है, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने इसकी जाँच भी की।

स्कूल में उर्दू-अरबी पढ़ने के लिए बनाया जाता था दबाव?

रविवार (जून 27, 2021) को अधिकारियों ने इसकी जाँच की। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने तीन दिन के भीतर इस स्कूल को लेकर रिपोर्ट माँगी है। टीम -शिक्षिकाओं, छात्र-छात्राओं और व अभिभावकों को बुला कर लगभग 50 लोगों के बयान दर्ज कराए। साथ ही पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी भी कराई गई। CCTV फुटेज कब्जे में ले ली गई है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि उसमें से प्रार्थना सभा स्थल और कक्षा की फुटेज गायब है।

दरअसल, मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और उसके साथी जहाँगीर की गिरफ़्तारी के बाद इस स्कूल की एक पूर्व शिक्षिका कल्पना सिंह ने प्रशासन से शिकायत की थी कि यहाँ बच्चों पर उर्दू-अरबी जबरन पढ़ने का दबाव बनाया जाता है और उन्हें इस्लामी धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जाता है। NCPCR के स्वतः संज्ञान लेने और रिपोर्ट तलब करने के बाद अधिकारीगण साढ़े 3 घंटों तक स्कूल में रहे और जाँच-पड़ताल की।

इस दौरान प्रधानाचार्य, आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं और हिंदू बच्चों-अभिभावकों के बयान दर्ज किए गए। ‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, अभी तक धर्मांतरण वाली कोई बात सामने नहीं आई है। आगे जाँच के बाद नए तथ्य सामने आ सकते हैं।

8 साल पहले हरिश्चंद्र बन गया था हसमत अली

उधर इसी शहर के पृथ्वीपुरम इलाके में 8 साल पहले हरिश्चंद्र नाम का एक व्यक्ति इस्लाम अपना कर हसमत अली बन गया था। ATS को स्थानीय लोगों ने भेजी जानकारी में बताया है कि विरोध होने पर वो पठान मोहल्ले में रखने लगा था।

वह भी एक स्कूल के माध्यम से ही मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के संपर्क में आया था। हरिश्चंद्र के भाई राम सिंह ने जानकारी दी है कि परिवार को अब उससे कोई मतलब नहीं है। राजस्व के रिकॉर्ड चेक किए गए तो उसमें हरिश्चंद्र उर्फ़ हसमत लिखा हुआ है।

सलीम की ड्राइवरी करते-करते विजय ने अपनाया इस्लाम

उधर पुरमई गाँव में धर्मांतरण गिरोह के ही विजय सोनकर को जेल भेजा गया। उसकी पत्नी ने बताया कि वो 2 साल पहले रोजगार की तलाश में हल्द्वानी गया था।

वहाँ से लौटने के बाद उसके चाल-ढाल बदले-बदले से लगने लगे। रिश्तेदारों ने जब उसे समझाया तो वो सब से झगड़ा करने लगा। साथ ही वो परिजनों का भी इस्लामी धर्मांतरण कराना चाहता था और इसके लिए दबाव बना रहा था। असल में वो हल्द्वानी में रामपुर के रहने वाले सलीम के ड्राइवर के रूप में काम करता था। उसके कहने पर ही उसने धर्मांतरण किया। उसके खिलाफ यूपी के धर्मांतरण कानून और मारपीट की धाराओं में FIR दर्ज की गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया