बंगाल से जुड़े मामलों की सुनवाई से बंगाल से आने वाले जज खुद को एक-एक कर अलग कर रहे हैं। पहले इंदिरा बनर्जी ने खुद को बंगाल चुनाव बाद हिंसा वाले मामले से और अब नारदा स्टिंग केस से अनिरुद्ध बोस। बहुचर्चित नारदा स्टिंग केस में सुनवाई से मंगलवार (22 जून 2021) को सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने खुद को अलग कर लिया है। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक द्वारा दायर याचिकाओं से अलग हुए हैं। बोस ने बताया कि वो खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर रहे हैं।
ममता बनर्जी और मलय घटक द्वारा दायर याचिकाओं को सुनवाई के लिए जस्टिस हेमंत गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की वैकेशन बेंच में लिस्टेड किया गया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही जस्टिस हेमंत गुप्ता और और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वैकेशन बेंच कार्यवाही शुरू करने के लिए इकट्ठी हुई। न्यायधीश हेमंत गुप्ता ने कहा कि मेरे भाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस खुद को इन मामलों की सुनवाई से अलग कर रहे हैं।
https://twitter.com/LawBeatInd/status/1407209788375662592?ref_src=twsrc%5Etfwपीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि इस मामले को चीफ जस्टिस एन वी रमणा के सामने रखा जाएगा, जो इसके बारे में निर्णय ले सकते हैं। गौरतलब है कि जस्टिस अनिरुद्ध बोस बोस सर्वोच्च न्यायालय में आने से पहले कोलकाता हाईकोर्ट के जज थे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल राज्य, ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक द्वारा दायर याचिकाओं में 9 जून 2021 के कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। दरअसल, हाईकोर्ट ने नारदा मामले को स्थानांतरित करने के सीबीआई की याचिका के जवाब में राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करने से मना कर दिया था। सीबीआई ने गिरफ्तार टीएमसी नेताओं के मामलों को स्थानांतरित करने की माँग करते हुए कहा था कि राज्य भीड़तंत्र है।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी ममता पर सुनवाई से खुद को अलग कर चुकीं
इससे पहले 19 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने भी ममता सरकार के खिलाफ सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उन्होंने राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा था, मुझे इस मामले को सुनने में कुछ कठिनाई हो रही है। इसके साथ ही जस्टिस बनर्जी ने इस मामले को किसी दूसरी बेंच में लिस्टेड करने के लिए कहा था।