‘सनातन धर्म खतरे में, हमारा खाकर हमारे ही धर्म के खिलाफ काम कर रहे हैं मिशनरी’: नक्सलियों के गढ़ में जनजातीय समाज की हुंकार – इन्हें यहाँ नहीं रहने देंगे

पूर्व बीजेपी MLA भोजराज नाग ने कहा सनातन विरोधियों को जवाब देने का है वक्त (फोटो साभार: jantaserishta.com/ bhaskar.com)

छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता और पूर्व विधायक भोजराज नाग ने कहा कि वे धर्मांतरण कराने वाले मिशनरियों को नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति को खत्म करने का एक बहुत बड़ा षडयंत्र चल रहा है। नाग ने कहा कि सनातन धर्म खतरे में है। शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर जमकर धर्मांतरण हो रहा है। उन्होंने अपना धर्म बदलने वाले आदिवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं देने की भी वकालत की।

भोजराज नाग आदिवासी संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए जनजाति सुरक्षा मंच (JSM) यात्रा का नेतृत्व रहे हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर से निकली ये यात्रा दंतेवाड़ा पहुँची। इस दौरान पूर्व MLA ने धर्मांतरण करवाने वालों और ईसाई मिशनरियों पर जमकर हमला किया और सनातन को खतरे में बताया।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, भोजराज नाग ने कहा कि सनातन के खिलाफ बड़े पैमाने पर साजिश हो रही है। अब सनातन विरोधियों को मुँहतोड़ जवाब देने की बारी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रभु श्रीराम ने वानर सेना को साथ लेकर लंका पर चढ़ाई की थी और असुर राज को खत्म किया था, ठीक इसी तरह से वे हर जिले के सर्वसमाज के पास जा रहे हैं।

पूर्व विधायक ने आगे बताया कि वे सनातन के खिलाफ चल रहे षड्यंत्र का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा बस्तर पाँचवीं अनुसूची वाला क्षेत्र है, लेकिन यहाँ शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर जमकर धर्मांतरण हो रहा है। बाहर से आए हुए लोगों यहाँ के लोगों को आपस में लड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ के ग्रामीण अपनी संस्कृति-परंपरा और धर्म को बचाने के लिए कटिबद्ध है।

भोजराज नाग ने कहा कि उनके देवी-देवताओं को संरक्षित करने के लिए कानून में कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए उन्होंने कानून में संशोधन की माँग की और कहा कि इस बात को लेकर सैकड़ों लोग आराध्य देवी माता दंतेश्वरी के मंदिर आए हैं। इस दौरान स्थानीय विधायक और विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदू संगठनों के नेता मौजूद थे।

भाजपा नेता भोजराज नाग ने कहा, “हमारे देवी-देवताओं के खिलाफ जो षड्यंत्र हो रहा है, उसे हम किसी भी हाल में पनपने नहीं देंगे।” उन्होंने आगे कहा, “धर्मांतरण करवाने वाले मिशनरी बाहर से आते हैं, हमारा खाते हैं और हमारे ही धर्म के खिलाफ काम करते हैं। अब ऐसे मिशनरियों को हम बस्तर में नहीं रहने देंगे।”

बताते चलें कि 2 जनवरी 2024 को नाग ने कहा था, “किसी आदिवासी को धर्म परिवर्तन क्यों करना चाहिए? इसे हतोत्साहित किया जाना चाहिए। धर्म बदलने वालों को आधिकारिक तौर पर कानून के मुताबिक इसका ऐलान करने दें। वे आदिवासियों का फायदा नहीं ले सकते और परंपरा का पालन करने से इनकार नहीं कर सकते।”

बीते साल से ही डी लिस्टिंग यानी धर्मांतरण कर ईसाई या मुस्लिम बनने वाले जनजातीय समाज के लोगों को अनुसूचित जनजाति (ST) के दायरे से बाहर करने की माँग हो रही है। इसको लेकर देशव्यापी आंदोलन जारी है। अनुसूचित जनजाति के लोगों का यह आंदोलन JSM के बैनर तले चल रहा है।

जनजाति सुरक्षा मंच ने बस्तर में नारायणपुर और कोंडागाँव, दोनों जगहों पर साल भर में कई रैलियाँ कीं। पिछले साल क्रिसमस से ठीक एक दिन पहले 24 दिसंबर 2023 को झारखंड की राजधानी राँची में इकट्ठा होकर अपना इरादा बता चुका है। इसके तहत जनजातीय समाज के लोग अपनी माँगों के समर्थन में फरवरी 2024 में दिल्ली में जुट सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया