खत्म हुआ तरुण तेजपाल के जीवन में मचा ‘तहलका’, यौन शोषण के सभी आरोपों से बरी: लेकिन 2 दिन पहले बयान कैसे?

8 सालों से तरुण तेजपाल के खिलाफ चल रहा था मुकदमा, अब हुए बरी (फाइल फोटो साभार: Bar and Bench)

गोवा की एक अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को यौन शोषण व रेप के सभी आरोपों से बरी कर दिया है। ‘तहलका’ पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में उनकी एक महिला साथी ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इस तरह से 8 वर्ष बाद तरुण तेजपाल इन आरोपों से बरी हुए हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने शुक्रवार (मई 21, 2021) को फैसला सुनाया। इस मामले में तरुण तेजपाल की गिरफ़्तारी भी हुई थी।

हालाँकि, वो बाद में जमानत देने में भी कामयाब रहे थे। आरोप था कि उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान लिफ्ट में अपनी महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था। पीड़िता के अनुसार, ये घटना गोवा के ही फाइव स्टार होटल में हुई थी। जस्टिस क्षमा जोशी ने 8 मार्च को ही इस मामले की अंतिम दलील सुन ली थी और बुधवार (मई 19, 2021) को ही इस मामला का फैसला सुनाया जाना था। लेकिन, फैसले की तिथि को 2 दिन टाल दिया गया था।

इससे पहले भी कई बार फैसले की तिथि को टाला गया था। बताया गया था कि कोरोना महामारी के कारण कोर्ट में कर्मचारियों की कमी थी। गौर करने वाली बात ये भी है कि तरुण तेजपाल व उनके परिवार ने निर्दोष सिद्ध होने के बाद जो बयान जारी किया है, उस पर प्रिंट में मार्च 19, 2021 की तारीख दर्ज है, जिसे काट कर मार्च 21, 2021 बनाया गया है। लोगों का पूछना है कि तरुण तेजपाल फैसले को लेकर इतने निश्चित कैसे थे?

हालाँकि, ये टाइपिंग मिस्टेक भी हो सकती है। तरुण तेजपाल ने अपने बयान में अपने वकील राजीव गोम्स को श्रद्धांजलि दी है, जिनका पिछले हफ्ते कोरोना के कारण निधन हो गया था। उन्होंने लिखा कि उनके जीवन और प्रतिष्ठा के लिए राजीव ने लंबी लड़ाई लड़ी, जो हमेशा कहा करते थे कि वो रुपए के लिए काम नहीं करते। उन्होंने जस्टिस क्षमा जोशी को ‘सच्चाई के साथ खड़े होने’ के लिए धन्यवाद दिया।

तरुण तेजपाल ने निर्दोष साबित होने के बाद जारी किया बयान

तरुण तेजपाल ने कहा है कि इस वक़्त उन्हें और उनके परिवार को प्राइवेसी चाहिए, इसीलिए वो कोई और बयान जारी नहीं करेंगे। लेकिन, उन्होंने कहा कि सही समय आने पर वो पूरे डिटेल के साथ अपना बयान जारी करेंगे। तरुण तेजपाल मई 2014 से ही जमानत पर बाहर हैं। फरवरी 2014 में उनके खिलाफ 2846 पन्नों की चार्जशीट गोवा पुलिस ने दायर की थी। इस मामले की FIR नवंबर 2013 में ही दर्ज की जा चुकी थी।

पत्रकार तरुण तेजपाल पर IPC की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चलाया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया