कोई भी मुस्लिम ना घुस सके: गरबा में शामिल होने वाले युवकों को लगाना होगा तिलक और गोमूत्र, आयोजकों-VHP-बजरंग दल का ऐलान

गरबा (साभार: TOI)

नवरात्रि में होने वाले गरबा कार्यक्रम में असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए हर साल कुछ ना कुछ उपाय किए जाते हैं। इस साल गुजरात में गरबा आयोजक ने कहा कि आयोजन में शामिल होने वाले लोगों को अपने माथे पर तिलक लगाना होगा। वहीं, गरबा स्थलों पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठन पैनी निगाह रखेंगे ताकि कोई मुस्लिम ना घुस सके।

जो लड़के और लड़कियाँ गरबा स्थलों पर आएँगे, वहाँ मुख्य द्वार पर उन्हें तिलक और गौमूत्र का अभिषेक किया जाएगा। इसके अलावा, उनके हाथ में कलावा भी बाँधा जाएगा। अगर इनमें कोई संदिग्ध गैर-हिंदू युवक दिखता है तो उनका पहचान पत्र देखा जाएगा। इस सारे काम आने वाले युवकों की हिंदू पहचान की पुष्टि के लिए किए जाएँगे। नशे की हालत में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

भुज में नवरात्र के आयोजक रघुवीर सिंह जाडेजा ने बताया कि कच्छ जिले के भुज, मांडवी, अंजार और गाँधी धाम में गरबा का आयोजन किया गया है। नवरात्र पर्व की गरिमा बनाए रखने के लिए उनके संगठन की ओर से वर्ष 2015 से यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत गरबा में शामिल होने वाले खेलैयों को तिलक लगाने और गौमूत्र के अभिषेक के बाद अंदर आने की अनुमति दी जाती है। इसका उद्देश्य गलत मंशा से आने वाले लोगों को रोकना है।

वहीं, माँ गढ़भवानी सांस्कृतिक समूह के अध्यक्ष और दाभोई विधानसभा सीट से विधायक शैलेशभाई मेहता ने कहा कि सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार हिंदू संस्कृति में तिलक का बहुत महत्व है। भगवान की पूजा, होम या किसी भी देवता के यज्ञ में तिलक करना अनिवार्य है। नवरात्रि माँ जगदंबा का यज्ञ है। इसलिए गरबा खेलने वाली लड़कियों को पारंपरिक पोशाक चनियाचोली और लड़कों को जब्बो में आना चाहिए। इसके साथ ही उनके लिए तिलक लगाना अनिवार्य है।

विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने लव जिहादियों को गरबा स्थलों में नहीं घुसने की चेतावनी दी है। इसके साथ बजरंग दल ने गुजरात में 16 जागरण यात्रा निकाला और 18000 से अधिक कार्यकर्ताओं को त्रिशूल दीक्षा दी है। इसके जरिए हिंदू युवक-युवतियों को जागरूक किया गया। हिंदू संगठन लव जिहाद को रोकने के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं।

हिंदू संगठनों ने इसके लिए 1100 से अधिक सभाएँ की और 7 लाख से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ा। इससे पहले गुजरात में रामनवमी शोभायात्रा, शिवाजी की शोभायात्रा और गणेश पंडाल पर पथराव की घटनाएँ सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने राज्य में शौर्य जागरण यात्रा की शुरुआत की थी। आज रविवार (8 अक्टूबर) को इस यात्रा का साबरमती रिवरफ्रंट पर इसका समापन होगा।

वीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा, “गरबा देवी की पूजा करने का एक अवसर है। कुछ ‘जिहादी’ ऐसे अवसरों का दुरुपयोग करते हैं। मैं गरबा के सभी आयोजकों से अपील करना चाहता हूँ कि पंडाल वाले (पंडाल बनाने वाले), खानपान सेवा के लोग या सुरक्षा सेवाओं के सदस्य मुस्लिम नहीं होने चाहिए। उन्हें आईडी कार्ड और आधार कार्ड की जाँच के बाद ही किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए।”

गौरतलब है कि पिछले साल नवरात्रि उत्सव में गरबा आयोजन के दौरान यह बात सामने आई थी कि कई जगहों पर मुस्लिम युवक घुस गए थे। इसके चलते कुछ जगहों पर अनिवार्य रूप से तिलक लगाकर आने का फैसला किया गया है। अब नवरात्रि में 10 दिन बचे हैं। ऐसे में तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं।

नवरात्रि में गरबा के दौरान रात में 12 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं गरबा स्थल से 100 मीटर दूर पार्किंग की व्यवस्था करने जैसी 12 गाइडलाइन जारी की गई हैं। साथ ही, गरबा आयोजक मैदान पर एक एम्बुलेंस और डॉक्टर-नर्स स्टाफ रखें जाएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया