‘मुझे छोड़ दो, मेरी माँ मेरा इंतजार कर रही होगी’: दलित विवेक की आदिल, सलमान और मोहसिन ने की थी हत्या, पूरी डिटेल

विवेक की हत्या की गुत्थी सुलझी

गाजियाबाद पुलिस ने 25 वर्षीय दलित युवक विवेक कुमार जाटव की हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है। विवेक की हत्या दो हफ्ते पहले हुई थी। घटना को उस समय अंजाम दिया गया था जब वह अपने ऑफिस से घर लौट रहा था। 

स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में विवेक के परिजनों ने उसके सहकर्मियों पर संदेह जताया था। लेकिन पड़ताल में पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान अपराधिक रिकॉर्ड वाले मोहम्मद मोहसिन, मोहम्मद आदिल, और मोहम्मद सलमान के रूप में हुई है।

इन तीनों ने पुलिस के आगे अपना जुर्म कबूल कर लिया है। गाजियाबाद के एसपी नीरज जदाऊँ ने बताया कि मोहम्मद मोहसिन के ख़िलाफ़ चोरी और पशुओं के साथ बर्बरता करने के कारण पहले से ही 10 केस दर्ज हैं।

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स्वराज की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के पिता को अपने पुत्र का शव 1 जून की दोपहर मटियाला गाँव के खेत में पड़ा मिला था। यानी उनके निवास स्थान कौशल्या गाँव से करीब 5 किलोमीटर दूर। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि मुमकिन है इन सबके पीछे उनके बेटे के साथ काम करने वालों का हाथ हो, क्योंकि विवेक ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत की थी।

लेकिन, पड़ताल के दौरान मालूम चला कि 31 मई को विवेक ने अपने ही एक सहकर्मी को कॉल करके एक्सिडेंट की सूचना दी थी। इसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया।

गाजियाबाद पुलिस ने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए ट्रैकर डॉग लीना की सहायता ली। इसके बाद लीना की मदद से वह आरोपितों के घर तक पहुँचे, जिन्होंने पकड़े जाने पर अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया।

रिपोर्ट में बताया गया कि 31 मई को विवेक अपने काम से घर लौट रहा था। तभी उसकी बाइक एक कार से टकरा गई। इस गाड़ी में तीनों आरोपित सवार थे। जब विवेक की बाइक इनकी कार से टकराई तो विवेक स्लिप होकर रोड पर गिर गया।

इसके बाद उसने अपने एक्सिडेंट की जानकारी अपने सहकर्मी जब्बार को दी। लेकिन तब तक उस गाड़ी से एक व्यक्ति बाहर निकला और विवेक से फोन लेकर वहाँ से भागने लगा। विवेक ने अपना फोन लेने के लिए उनका पीछा किया।

भागते-भागते जब वह सुनसान इलाके में पहुँचा। तब तीनों आरोपितों ने विवेक को पकड़ लिया। यहाँ उन्होंने उसे मारा। जमीन पर पटका। फिर बेल्ट से गला घोंटने लगे।

एसपी के अनुसार, आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि जब वह विवेक को मार रहे थे, उस समय वह उनसे लगातार अपनी जान की भीख माँगते हुए कह रहा था, “मुझे जाने दो मेरी माँ मेरा इंतजार कर रही होगी।”

लेकिन, तीनों को उसकी बातें सुनकर कोई फर्क़ नहीं पड़ा और वह तभी शांत हुए जब विवेक ने दम तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने विवेक के शव को जलाने के प्लान बनाया। लेकिन वह किसी कारणवश ऐसे नहीं कर पाए। इसलिए उन्होंने शव को फेंका और वहाँ से भाग गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया