2 दिसंबर को नातिन की शादी है, कॉन्ग्रेस नहीं दे रही किराया: थक-हार कर बुजुर्ग ने पुलिस से लगाई फरियाद

किराया न मिलने पर मकान मालिक ने कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ दी तहरीर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक बुजुर्ग ने किराए के लिए पुलिस से फरियाद लगाई है। राजमन राय का कहना है कि 2019 में कॉन्ग्रेस ने उनका मकान कार्यालय बनाने के लिए किराए पर लिया था। लेकिन कई महीनों से किराया नहीं मिलने के कारण बकाया राशि करीब तीन लाख 90 हजार रुपए हो गया है।

शिकायतकर्ता के अनुसार 2 दिसंबर को उनकी नातिन की शादी होनी है। इसके बावजूद कॉन्ग्रेस नेता उनकी गुहार नहीं सुन रहे हैं। उनकी बातों से ऐसा लगता है कि किराया देने की उनकी नीयत नहीं है। राजमन राय के अनुसार उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू के कहने पर अपना मकान पार्टी को किराए पर दिया था। राजघाट थाने में दी गई अपनी शिकायत में उन्होंने लल्लू और गोरखपुर की जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान को आरोपित किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुबानी विवाद से शुरू हो कर अब यह मामला पुलिस तक जा पहुँचा है। इंस्पेक्टर राजघाट रणधीर मिश्रा ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। पीड़ित के अनुसार उन्होंने अपना मकान गोरखपुर की कॉन्ग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान को 15 हजार रुपए प्रतिमाह के भाड़े पर दिया था। लेकिन, निर्मला पासवान ने राजमन राय के आरोपों को नकार दिया है। उनका कहना है कि किराए का कोई मामला नहीं है।

वहीं, राय का कहना है कि कॉन्ग्रेस की जिलाध्यक्ष अब एग्रीमेंट नहीं होने की बात कह रही हैं। मैंने उन्हें विश्वास पर अपना मकान दिया था। UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने पीड़ित का वीडियो राहुल गाँधी को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “गोरखपुर के बुजुर्ग राजमन राय जी का किराया मत मारिए, दे दीजिए, नैतिकता नाम की कोई चीज़ बची है?”

पीड़ित मकान मालिक का नाम राजमन राय है। यह मकान गोरखपुर के टीपी नगर में स्थित है। राजमन राय के मुताबिक 25 अक्टूबर 2019 को निर्मला पासवान ने उनसे लोकसभा चुनाव तक के लिए कार्यालय खोलने के लिए मकान माँगा था। सचिन जायसवाल और अरुण शुक्ल के आगे 15 हजार रुपए प्रति माह भाड़ा देना तय हुआ था। जब उन्होंने गारंटी माँगी तब निर्मला पासवान ने प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू से फोन पर बात करा दी थी। लगभग माह भर पहले प्रियंका गाँधी की रैली के बाद राय ने किराया नहीं मिलने के कारण इस दफ्तर पर ताला लगा दिया था। कार्यालय का सामान अपने कब्ज़े में लेते हुए कहा था कि किराया मिलने पर ही लौटाएँगे।

इन आरोपों पर कॉन्ग्रेस की जिलाध्यक्ष का कहना है कि उन्हें अपने खिलाफ तहरीर दिए जाने की जानकारी नहीं है। वे पुलिस जाँच में पूरा सहयोग करने की बात कह रहीं। उनका कहना है कि मकान मालिक के साथ कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था। ऐसे में उन पर आरोप क्यों लग रहा है ये उनकी समझ से परे है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया