मोदी कराएगा किसानों का नरसंहार: सरकार ने किए 250 ट्वीट, अकाउंट ब्लॉक

सरकार ने लगाई 250 ट्वीट और ट्विटर अकाउंट्स पर रोक (प्रतीकात्मक चित्र)

भड़काऊ ट्वीट करने को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा (सोमवार 01, 2021) को 250 ट्वीट और ट्विटर अकाउंट्स पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि किसान आंदोलन के बीच इन ट्विटर अकाउंट्स पर यह रोक हालात सामान्य हो जाने तक सिर्फ अस्थाई तौर पर लगाईं गई है। बताया जा रहा है कि ये वो ट्विटर अकाउंट्स हैं, जिन्होंने शनिवार (30 जनवरी) को #ModiPlanningFarmerGenocide (मोदी किसानों की हत्या की योजना बना रहा है) हैशटैग चलाते हुए फर्जी, भड़काऊ ट्वीट्स किए थे।

नरसंहार के लिए उकसाना पब्लिक आर्डर के लिए एक गंभीर खतरा है और इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत इन ट्विटर अकाउंट और ट्वीट्स पर रोक लगाने का आदेश दिया। भारत में कई ट्विटर अकाउंट्स पर रोक लगाने पर ट्विटर ने बयान जारी करते हुए कहा कि यदि हमें किसी अधिकृत संस्था से इस बारे में अनुरोध प्राप्त होता है, तो समय-समय पर किसी विशेष देश में कुछ सामग्री पर समय-समय पर रोक लगा दी जाती है।

https://twitter.com/AdityaRajKaul/status/1356181957084778496?ref_src=twsrc%5Etfw

गौरतलब है कि सोमवार सुबह ही, सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने वामपंथी प्रोपेगंडा मीडिया संस्थान ‘द कारवाँ इंडिया’ के हैंडल पर रोक लगा दी। फेक न्यूज़ फैलाने वाले ‘द कारवाँ इंडिया’ के ट्विटर हैंडल पर ‘Account Withheld’ लिखा आ रहा है।

कारवाँ इंडिया ने एक लेख के माध्यम से दावा किया था कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को हुई एक प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोली से हुई थी। इसी तरह राजदीप सरदेसाई और सिद्धार्थ वरदराजन ने भी झूठ फैलाया था। सिद्धार्थ के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। वहीं राजदीप को ‘इंडिया टुडे’ ने ऑफ एयर कर दिया। कारवाँ के अलावा संजुक्ता और ‘किसान एकता मोर्चा’ का भी हैंडल रोका गया

इसके साथ ही अब ‘कारवाँ’ न तो ट्विटर के माध्यम से कोई कंटेंट शेयर कर सकता है और न ही अपने वामपंथी प्रोपेगंडा को आगे बढ़ा सकता है। लोगों ने भी ट्विटर के इस कदम से ख़ुशी जताई। अब जिन नए प्रतिबंधित अकाउंट्स के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें से एक कॉन्ग्रेस समर्थक संजुक्ता बसु भी हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया