बांग्लादेश से लाई गई किशोरी से करवा रहे थे देह व्यापार: मिजानूर, अजमिरा खातून और मुर्तजा शेख गिरफ्तार

सूरत पुलिस ने वेश्यावृत्ति का रैकेट चलाने वाले तीन बांग्लादेशी नागरिक को किया गिरफ्तार (साभार: news18gujarati)

एटीएस से मिली सूचना के आधार पर एसओजी पुलिस ने बांग्लादेश से गुजरात के सूरत लाई गई किशोरी को रेलवे स्टेशन इलाके में मुक्त करवा कर मानव तस्कर गिरोह से जुड़े एक महिला समेत तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये लोग किशोरी के परिवार को रुपए का लालच देकर दलालों के मार्फत अवैध रूप से भारत लाए थे और यहाँ उससे देह व्यापार करवाया जा रहा था।

पुलिस ने बताया कि गिरोह का मुख्य सूत्रधार बांग्लादेश के नडाइल जिले के माधव पासा गाँव का मूल निवासी मिजानूर शेख उर्फ शरीफुल, उसकी बीबी अजमिरा खातून व नडाइल जिले के ही पस्तोहनिया गाँव का निवासी मुर्तजा शेख मिल कर मानव तस्करी का गिरोह चलाते हैं।

वे बांग्लादेश के नाइडल जिले के अति गरीब परिवारों की मजबूरी का फायदा उठा कर उन्हें अपने जाल में फँसाते हैं और गरीब परिवार की मासूम लड़कियों को भारत में काम दिलवाने और उनके परिजनों को रुपए का लालच देकर वे किशोरियों व युवतियों को भारत लाते हैं। फिर यहाँ उनसे देह व्यापार करवा कर उनका शोषण करते हैं। वे अब तक बांग्लादेश से न जाने कितनी किशोरियों और युवतियों को मानव तस्करी के जरिए भारत में लाकर देह व्यापार के दलदल में धकेल चुके हैं। उनके और कितने साथी व गिरोह सक्रिय है! इस बारे में पूछताछ की जा रही है।

दलाल ने मात्र 4,000 में सीमा पार करवाई

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित किशोरी भी बांग्लादेश के नडाइल जिले की रहने वाली है। उसके परिवार को रुपए का लालच देकर यहाँ लाया गया। मिजानुर और अजमिरा ने उसे बांग्लादेश से सूरत लाने का काम मुर्तजा को सौंपा था और उसे पन्द्रह हजार रुपए दिए थे। मुर्तजा ने बांग्लादेशी दलाल जिलाल को सीमा पार करवा कर भारत में घुसपैठ करने के लिए चार हजार रुपए दिए थे। भारत में घुसने के बाद वह कोलकाता होते हुए पीड़ित किशोरी को सूरत ले आया था और उसे मिजानुर और उसकी बीबी के हवाले कर दिया था।

रेलवे स्टेशन इलाके में करवाते थे देह व्यापार

मिजानुर और अजमिरा किशोरी को अपने साथ रखते थे और उससे देह व्यापार करवाते थे। वे रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर ग्राहकों की तलाश में जाते और उसकी देह का सौदा कर रुपए वसूलते थे। जिसमें से बहुत कम उसके परिजनों को देते थे। उनके बारे में एटीएस से एसओजी को सूचना मिलने पर एसओजी ने पड़ताल शुरू की। शुक्रवार को मुखबिरों से उनके रेलवे स्टेशन इलाके में स्थित सिटी बस स्टैंड पर होने की पुख्ता सूचना मिलने पर एसओजी ने कार्रवाई की। एसओजी ने किशोरी को मुक्त करवाकर चिल्ड्रन हेल्प लाइन को सौंप दिया और उनके खिलाफ महिधरपुरा थाने में मामला दर्ज किया। बांग्लादेशी दलाल जिलाल को वांछित घोषित किया है।

सभी तरह के फर्जी पहचान पत्र मिले

मिजानूर और उसकी बीबी अजमिरा दोनों शहर के निकट खोलवड़ गाँव में कामरेज रोड पर स्थित पंचवटी कॉम्प्लेक्स में रहते हैं। उन्होंने भारत के मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत सभी तरह के फर्जी पहचान पत्र बना रखे हैं। लंबे समय से वे अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। भरूच में मदीना मस्जिद के पास रहने वाले मुर्तजा ने भी अपने सभी तरह के फर्जी पहचान पत्र बना रखे हैं। वह भी लंबे समय से अवैध रूप से भारत में रह रहा है। पुलिस को इनके पास कार्ड बरामद हुए है। शातिर मुर्तजा पहले भी 2013 में फर्जी दस्तावेज बना कर अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में ओलपाड़ थाने में पकड़ा गया था। लेकिन बाद में फिर लौट आया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया