‘गुरुग्राम में खुले में नमाज रोकने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई’: सुप्रीम कोर्ट में पूर्व MP अदीब की याचिका, अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

गुरुग्राम खुले में नमाज विवाद: पूर्व बसपा MP अदीब की याचिका पर सुनवाई करेगा SC

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर में जुमे की नमाज के दौरान हिंसक घटनाओं को रोकने में कथित विफलता के लिए हरियाणा के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दायर अवमानना ​याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर सोमवार (31 जनवरी, 2022) को सहमति दे दी। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका देकर राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल और डीजीपी पीके अग्रवाल के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाया है।

चीफ जस्टिस एन.वी. रमना, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस हेमा कोहली की तीन जजों बेंच ने पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब द्वारा दायर याचिका के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के ‘विशेष उल्लेख’ के तहत सुनवाई पर गौर किया। उन्होंने विभिन्न दलीलें देते हुए इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता बताई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी 2018 के शीर्ष अदालत के फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसमें हेट क्राइम (हिंसा) को रोकने के लिए कई निर्देश दिए गए थे।

वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि यह केवल समाचारपत्र की खबरों पर आधारित नहीं है, हमने खुद शिकायत की है। हम एफआईआर दर्ज करने के लिए नहीं कह रहे। इस अदालत ने ही कई उपाय सुझाए हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं इस पर गौर करूँगा और इसे तुरंत उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करूँगा।

याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों ने मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोकने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई न कर ‘तहसीन एस पूनावाला बनाम भारत संघ एवं अन्य’ मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए कहा था, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने नमाज पढ़ने वालों का विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। प्रशासन नमाज को बार-बार रोककर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी विफल रहा। याचिका में कहा गया कि हाल के कुछ महीनों में कुछ उपद्रवियों के इशारे पर जुमे की नमाज होने वाले स्थानों के इर्द-गिर्द प्रदर्शन करने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। ये लोग धर्म के नाम पर एक समुदाय के खिलाफ नफरत और पूर्वाग्रह का माहौल बनाना चाहते हैं।

पूर्व बसपा सांसद अदीब ने तहसीन पूनावाला की याचिका पर पारित पूर्व फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। जिसमें कहा गया है कि गुरुग्राम में खुले में निर्दिष्ट स्थानों पर नमाज अदा करने में व्यवधान की कथित घटनाएँ हुई हैं।

गौरतलब है कि दिसम्बर में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में पूर्व बसपा सांसद मुहम्मद अदीब ने बताया था कि पिछले कुछ महीनों से नमाज के दौरान लाउडस्पीकर पर नारे लगाकर, मंत्रोच्चारण कर बाधा डाली जा रही है। बार-बार पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन उचित कार्रवाई न होने के चलते उपद्रवियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। लगातार मुस्लिमों के खिलाफ द्वेष फैलाने का अभियान चलाया जा रहा है।

बता दें कि गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर खुले में नमाज पढ़ने को लेकर स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। हिंदू संगठनों और स्थानीय निवासियों ने एक आवासीय परिसर के पास खुले मैदान में नमाज अदा करने पर आपत्ति जताई थी। उसके बाद गुरुग्राम सहित कई स्थानों पर विरोध की खबरें लगातार आती रहती हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया