ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: 8 हफ्ते में सुनवाई करें जिला जज, तब तक शिवलिंग का स्थान रहेगा सील, मुस्लिम पढ़ सकेंगे नमाज

ज्ञानवापी मामले और सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद ढाँचा (Gyanvapi Controversial Structure, Varanasi) मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20 मई 2022) को निचली अदालत को ट्रांसफर करते हुए 8 सप्ताह में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामला की सुनवाई पहले इसे वाराणसी जिला कोर्ट में होगी। तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 मई की सुनवाई में दिए गए निर्देश जारी रहेंगे।

17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि शिवलिंग वाले स्थान को सुरक्षित रखा जाए, मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोक ना रोका जाए और सिर्फ 20 लोगों के नमाज पढ़ने वाला ऑर्डर लागू नहीं रहेगा। 

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि इस मामले को अनुभवी और परिपक्व जज द्वारा सुना जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम ट्रायल जज पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन अधिक अनुभवी द्वारा यह मामला देखा जाना चाहिए, तभी दोनों पक्षों को लाभ होगा।” जिला जज मस्जिद के भीतर पूजा करने के मामले को देखेंगे।

बेंच ने कहा कि जिला जज को 25 साल का लंबा अनुभव है। इस मामले में सभी पक्षों के हित को सुनिश्चित किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह न समझा जाए कि मामले को निरस्त किया जा रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के रास्ते आगे भी खुले रहेंगे।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वीडियोग्राफी सर्वे की रिपोर्ट लीक होने पर चिंता जाहिर की। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है कि इसको लेकर देश में एकता बनी रहनी चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया