हरियाणा के गुरुग्राम के इंपीरियल गार्डन सोसाइटी में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाले अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत सोसाइटी के निवासियों द्वारा 28 अगस्त को दर्ज कराई गई। दरअसल, पिछले दिनों सोसाइटी में कुछ लोगों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया था, जिसमें से एक की पहचान अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी के रूप में हुई है। वह जेएनयू की प्रोफेसर रोसिना नासिर के शौहर हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाते हुए सुना जा सकता है, हालाँकि यह वीडियो कब की है, इसका इसमें कोई जिक्र नहीं है।
शिकायत में निवासियों ने लिखा, “हम, इंपीरियल गार्डन सोसाइटी, सेक्टर 102, गुरुग्राम के निवासी, आपको एक गंभीर मुद्दे से अवगत कराना चाहते हैं, जहाँ अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी निवासी फ्लैट आईजी-01-1501 ने अपने अपार्टमेंट की बालकनी से पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए। यह भारतीय दंड संहिता के तहत विभिन्न धाराओं के तहत एक गंभीर अपराध है। यह हरकत वीडियो कैमरे में कैद हो गई। इस पत्र के साथ उस समय का वीडियो सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव में दिया जा रहा है।”
इसमें आगे लिखा गया, “इंपीरियल गार्डन सोसाइटी के भीतर कुल 580 फ्लैट और 265+ परिवार रहते हैं और संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इस कृत्य ने समाज के लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर दिया है। इस तरह का कारनामा सौहार्दपूर्ण जीवन और साथी निवासियों की सुरक्षा को प्रभावित करेगा। आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध है कि मामले की जाँच करें और अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करें।”
उन्होंने पुलिस के साथ वीडियो भी साझा किया जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया गया था।
https://twitter.com/iAnkurSingh/status/1431658545800355842?ref_src=twsrc%5Etfwवीडियो में एक व्यक्ति (जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वह रोसिना नासिर का शौहर अनवर सैयद फैजुल्ला हाशमी है) को एक बच्चे को ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ चिल्लाना सिखाने की कोशिश करते हुए सुना जा सकता है।
हाशमी की बीबी ने जेएनयू प्रशासन पर लगाया था भेदभाव का आरोप
रोसिना नासिर ने इससे पहले जेएनयू प्रशासन पर कुलपति ममीडाला जगदीश कुमार और CSSEIP की चेयरपर्सन यागती चिन्ना राव पर 2019 में उनकी मजहबी पहचान के कारण उत्पीड़न, शोषण और भेदभाव का आरोप लगाया था। डीएमसी के अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में उन्होंने दावा किया था, “मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं CSSEIP में फैकल्टी का पद नहीं छोड़ूँगी, तो मैं भी नजीब (जेएनयू छात्र जो तीन साल पहले अपने छात्रावास से लापता हो गया था और अभी भी पता नहीं चल पाया है) की तरह गायब हो जाऊँगी।”
उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें जेएनयू में नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है, इसलिए उसे महीनों से भुगतान नहीं किया जा रहा। रोसिना फिलहाल जेएनयू में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में सहायक प्रोफेसर हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में रोसिना नासिर और जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के बीच कई महीनों से वेतन न मिलने का मामला भी चल रहा है, जिसकी अगली सुनवाई सितंबर में होनी है।