जिस निहंग ने कहा- मैंने उसकी टाँग काटी, उसकी पत्नी बोली- गर्व है: सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर हुई थी दलित की बर्बर हत्या

लखबीर की हत्या के आरोपित निहंग (फाइल फोटो)

सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर दलित युवक लखबीर सिंह की नृशंस हत्या कर दी गई थी। इस मामले के तीन आरोपित निहंगों नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को रविवार (17 अक्टूबर 2021) को सोनीपत कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने जज के सामने लखबीर की हत्या की बात कबूली। हालाँकि उनके वकील ने इससे इनकार किया है। इस मामले का चौथा आरोपित सरबजीत सिंह पहले ही 7 दिन की रिमांड में भेजा जा चुका है।

17 अक्टूबर को सोनीपत क्राइम ब्रांच और पुलिस तीनों आरोपितों को लेकर कोर्ट में पहुँची। गिरफ्तार निहंग नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह ने कोर्ट के सामने यह कबूल किया कि सिंघु बॉर्डर के पास हुए लखबीर सिंह हत्याकांड को उन्होंने ही अंजाम दिया था। नारायण सिंह ने कहा कि उसने टाँग काटी थी, सरबजीत ने हाथ का पंजा काटा था और गोविंद सिंह एवं भगवंत सिंह ने उसको बैरिकेडिंग पर टाँगा था।

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वहीं इनके बचाव में पेश हुए वकील संदीप शर्मा ने कहा, “मुस्लिम कुरान की रक्षा करता है और ईसाई बाइबल की। ऐसे में इन्हें भी अपने गुरुग्रंथ की रक्षा का अधिकार है। उन्होंने जो किया है वह सही किया है। अगर फिर से गुरुग्रंथ की बेअदबी होती है तो हम पीछे नहीं हटेंगे।”

अपनी गिरफ्तारी से पहले मीडिया से बात करते हुए नारायण सिंह ने कहा था, “लखबीर सिंह को कथित तौर पर बेअदबी के लिए दंडित किया गया। पंजाब में बरगारी बेअदबी कांड के आरोपित को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन अब अगर कोई ऐसा जघन्य अपराध करता है, तो उसे मौके पर ही सजा दी जाएगी।”

पुलिस हिरासत में लिए जाने के दौरान नारायण सिंह की पत्नी परमजीत कौर भी मौजूद थीं। कौर ने कहा, “उसे अपने पति पर गर्व है, क्योंकि उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए दोषी व्यक्ति को दंडित किया है। अगर कोई ऐसा जघन्य अपराध करता है, तो अब मैं उसे सजा दूँगी।”

इससे पहले घटना के दिन गिरफ्तार किए गए निहंग सरबजीत सिंह को सोनीपत पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया था, जिसको कोर्ट ने सात दिन की रिमांड भेजा है। सरबजीत के लिए सोनीपत पुलिस ने 14 दिन की रिमांड माँगी थी। आरोपित ने इस जघन्य हत्या में कुछ और लोगों के शामिल होने का संकेत दिया था।

सरबजीत सिंह ने सरेंडर के दौरान पुलिस को तलवार देते हुए कहा था कि इसी से लखबीर की हत्या की गई थी। हालाँकि सरबजीत की बात झूठी निकली। पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने जब उस तलवार की जाँच की तो स्पष्ट हो गया कि लखबीर काे उससे नहीं मारा गया। जिस तलवार से लखबीर की हत्या की गई, उसे छुपा दिया गया है। ऐसे में लखबीर के हाथ-पैर काटने समेत उसके शरीर पर जिन हथियारों से वार किए गए, उनकी रिकवरी होनी अभी बाकी है। इसके लिए पुलिस की टीम फिर से सिंघु बॉर्डर पर निहंगों के डेरे में जा सकती है।

गौरतलब है कि इससे पहले भगवंत सिंह और गोबिंदप्रीत सिंह के आत्मसमर्पण के बाद निहंगों ने स्पष्ट किया था कि वो अब अपने किसी साथी का सरेंडर नहीं करवाएँगे। साथ ही धमकाया था कि उनके और साथियों को पकड़ने की कोशिश की गई तो जिन्हें पकड़ा गया है, उन्हें भी छुड़ा लाएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया