हाथरस केस में मृतका के परिवार और गवाहों को दी गई थ्री लेयर सुरक्षा, लगाए गए CCTV: योगी सरकार का SC में हलफनामा

हाथरस मामले में योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत मामले में यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़िता के परिवार और गवाहों के संरक्षण के प्रयासों पर जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार को कहा था कि वो गवाहों की सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर डिटेल रिपोर्ट फाइल करें।

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अपने हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की गई है। इसके साथ ही सरकार ने बताया कि उन्होंने गाँव में सीसीटीवी लगवाए हैं ताकि कड़ी निगरानी रखी जा सके और मृतक पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान की जा सके। 

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राज्य सरकार ने हलफनामे में यह भी उल्लेख किया है कि उन्होंने पीड़ित परिवार के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गाँव में पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। हलफनामे में कहा गया है कि पीड़ित परिवार की महिला सदस्यों की सुरक्षा के लिए गाँव में महिला पुलिस की भी एक टीम तैनात की गई है। साथ ही योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वो सर्वोच्‍च न्‍यायालय सीबीआई जाँच की निगरानी करें।

पिछली सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से हाथरस मामले में सीबीआई जाँच का निर्देश देने का अनुरोध किया था। साथ ही अदालत से हाथरस कांड की जाँच पर 15 दिनों की स्थिति रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के लिए सीबीआई को निर्देश देने के लिए कहा था। इसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यूपी डीजीपी द्वारा दायर किया जा सकता है। केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने हाथरस मामले की जाँच अपने हाथ में ले ली है और मामला भी दर्ज कर लिया है।

हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले में सीबीआई ने पहले दिन मंगलवार (अक्टूबर 13, 2020) को घटनास्थल का मुआयना किया था और सबूत जुटाए थे। टीम ने पीड़ित परिवार के लोगों से भी पूछताछ की थी। इस दौरान सीबीआई की टीम पीड़िता के भाई को साथ लेकर अज्ञात स्थल पर गई। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में बताया गया था कि पीड़िता के भाई के बयानों में कुछ असमानता पाए जाने के बाद सीबीआई ने कथित तौर पर यह निर्णय लिया।

उसके बयानों में असमानता के कारण ही सीबीआई ने पीड़िता के भाई से पूछताछ करने का फैसला किया। इससे पहले बताया गया CBI की टीम ‘नष्ट किए गए सबूतों’ को वापस लेने के लिए एक फोरेंसिक विशेषज्ञ टीम के साथ भी वहाँ गई थी। सीबीआई बुधवार (अक्टूबर 14, 2020) को फिर से पीड़ित परिवार से पूछताछ कर रही है। इसके लिए मृत पीड़िता के दोनों भाइयों और पिता को हाथरस में कृषि कार्यालय स्थित सीबीआई के अस्थाई कार्यालय में बुलाया गया है। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया