शिवलिंग ही नहीं पूरे ज्ञानवापी परिसर का हो ASI सर्वेक्षण: वाराणसी कोर्ट करेगी हिंदू महिला उपासकों की याचिका पर सुनवाई

पूरे ज्ञानवापी का होगा एएसआई सर्वे (फोटो साभार: न्यूज 18)

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वेक्षण कराने को लेकर याचिका दायर की गई है। चार हिंदू महिला उपासकों ने जिला जज को इस संबंध में याचिका दी है। इस पर 22 मई 2023 को सुनवाई होगी। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के निर्देश दिए थे।

यह याचिका (सीपीसी की धारा 75 (ई) और आदेश 26 नियम 10ए के तहत) उन हिंदू महिलाओं (वादी) द्वारा दायर की गई है, जो ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में साल भर से पूजा करने का अधिकार माँग रही हैं। हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी में ऐसे कई सच हैं, जिनका सामने आना जरूरी है। इसलिए एएसआई सर्वे की माँग की जा रही है। इससे यह पता चल सकता है कि क्या स्जिद का निर्माण पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ढाँचे पर किया गया था।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “पूरा परिसर हिंदू मंदिर का है। सर्वे के दौरान गुंबद के नीचे हिंदू मंदिर के शिखर मिले हैं। उसकी कार्बन डेटिंग जाँच की माँग हम कर रहे हैं। हमारी माँग है कि विवादित ढाँचे की पश्चिमी दीवार की भी जाँच हो। हम चाहते हैं कि तहखाने की भी वैज्ञानिक जाँच की जाए। चूँकि, हाई कोर्ट शिवलिंग की वैज्ञानिक जाँच का आदेश कर चुका है। ऐसे में पूरे परिसर की वैज्ञानिक जाँच एवं कार्बन डेटिंग की जा सकती है।”

जैन ने कहा, “मंदिर के ढाँचे को औरंगजेब ने तोड़कर बनवाया है, ये भी ASI जाँच में स्पष्ट हो जाएगा। अयोध्या केस में ASI का सर्वे मील का पत्थर साबित हुआ था। ज्ञानवापी में भी एएसआई के सर्वे से चौंकाने वाली बातें सामने आ सकती हैं। इसलिए हम सभी पूरे परिसर की वैज्ञानिक एवं कार्बन डेटिंग जाँच की माँग कर रहे हैं।”

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग एवं साइंटिफिक सर्वे की माँग वाली याचिका स्वीकार करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) को बिना शिवलिंग को क्षति पहुँचाए कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया था। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को शिवलिंग मिला था। इस शिवलिंग की ASI से साइंटिफिक सर्वे कराने की माँग को लेकर वाराणसी की जिला अदालत में वाद दाखिल किया गया था। हालाँकि, कोर्ट ने 14 अक्टूबर 2022 को इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया