बंगाल में हिन्दुओं के घरों में फेंके गए थे पेट्रोल बम, अब गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपी जाँच: पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन पर लगे थे इस्लामी नारे

गृह मंत्रालय ने मोमिनपुर हिंसा की जाँच एनआईए को सौंपी (फोटो साभार- आजतक)

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर (Mominpura, West Bengal) में हुई हिंसा की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। राज्य की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस हिंसा की जाँच केंद्रीय एजेंसी से कराने की लगातार माँग कर रही थी।

बंगाल भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि दंगाईयों का मजहब देख उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने ने राज्यपाल ला गणेशन (Governor La Ganeshan) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से मोमिनपुर में सेंट्रल फोर्स की तत्काल तैनाती करने और NIA जाँच की माँग की थी।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के खिर्दीपुर मोमिनपुर इलाके में में नवरात्र के दौरान लक्ष्मी पूजा की शाम हिंदुओं की दुकानों और घरों पर दंगाइयों ने हमला कर दिया था। इस दौरान हिंदुओं के घरों पर पेट्रोल बम फेंके गए, उनकी झोपड़ियों में आग लगा दी गई और उनके सामान तोड़ दिए गए। इसके बाद कट्टरपंथी भीड़ ने घरों और दुकानों में इस्लामी झंडे लगा दिए।

दरअसल, इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के मौके पर अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिमों) ने हिंदुओं के घर और दुकानों पर इस्लामी झंडे लगा दिए थे, जिन्हें हिंदुओं ने खोल दिया। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में कट्टरपंथी भीड़ इकट्ठा हो गई और हिंदुओं के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। बार-बार पुलिस को बुलाए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई।

ऑपइंडिया ने घटना के बाद वहाँ जाकर ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी और आप वीडियो देखकर खुद समझ जाएँगे कि घटना के समय कट्टरपंथियों ने कैसा उत्पात मचाया था।

मोमिनपुर हिंसा की जाँच के लिए NIA की टीम जल्द ही मौके पर पहुँचकर वहाँ का जायजा लेगी। NIA ने इस हिंसा को लेकर केस दायर कर लिया है। बता दें कि पहले इस हिंसा की जाँच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी।

इस मामले में से कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने 12 अक्टूबर 2022 को बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त (CP) को मोमिनपुर इलाके में हुई हिंसा की जाँच के लिये एक विशेष जाँच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दिया था।

हिंसा को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने DGP और पुलिस आयुक्त को सबूतों और वीडियो फुटेज के संरक्षण करने और घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी कहा था कि घटना की जाँच NIA से करानी है या नहीं, इसका फैसला केंद्र सरकार करेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया