2 IAS अधिकारी निलंबित, 2 को कारण बताओ नोटिस: दिल्ली लापरवाही मामले में गृह मंत्रालय की कड़ी कार्रवाई

लॉकडाउन के दौरान लापरवाही बरतने पर चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में लापरवाही बरतने पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने चार नौकरशाहों पर कार्रवाई की है। इनमें से दो अधिकारियों को निलंबित और दो को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इन नौकरशाहों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत बनाए गए आपतकालीन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने और लॉकडाउन के दौरान इस अधिनियम को लागू करने में गंभीर खामियों के पाए जाने की वजह से कार्रवाई की गई है।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) और प्रधान सचिव (वित्त) को त्वरित प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये डिविजनल कमिश्नर का पद भी संभालते थे। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं भूमि इमारत) और सीलमपुर के सब डिविजनल मेजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि यह अधिकारी प्रथम दृष्टया सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहे हैं।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के चार अधिकारियों के खिलाफ कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कर्तव्यों के निर्वहन में खामियाँ पाए जाने के चलते अनुशासनात्मक कार्यवाही की है।

गृह मंत्रालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि यह पाया गया कि ये अधिकारी कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन वो ऐसा करने में नाकाम रहे हैं। ये अधिकारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन प्रतिबंध के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं।

गृह मंत्रालय ने जिन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है, उनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) रेणु शर्मा और प्रधान सचिव (वित्त) राजीव वर्मा शामिल हैं। आदेश में कहा गया है कि ये अपने दायित्व को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाने में विफल रहे। इसके साथ ही इनके खिलाफ जुर्माना लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।

बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट सचिव और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान हो रहे उल्लंघन को लेकर शनिवार की देर शाम और आज सुबह राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशक के साथ लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। दिशा निर्देशों में कहा गया था कि जिले के डीएम और एसपी को इन निर्देशों के पालन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (मार्च 24, 2020) को देशभर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जहां हैं वहीं रहने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि इस खतरनाक वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा गया है। इसलिए लॉकडाउन और एक दूसरे से दूरी ही सबसे सफल उपाय है। मगर शनिवार (मार्च 28, 2020) को शहरों से लोगों के पलायन के चलते लॉकडाउन फेल होता दिखा। दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंस नहीं होने से कोरोना का खतरा भी और बढ़ गया है। दिल्ली के सभी बार्डर पर शनिवार को अफरा-तफरी का माहौल दिखा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया