स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को 25 दिनों से बिजली नहीं, भीषण गर्मी से बेहाल: CM भगवंत मान के दफ्तर के सामने करेंगे आमरण अनशन

माँगें नहीं पूरी होने पर सीएम भगवंत मान के दफ्तर के सामने आमरण अनशन की चेतावनी (फोटो साभार: दैनिक जागरण/डीएनए)

पंजाब के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी ने 300 यूनिट तक मुफ्त और 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था। हालाँकि, जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। आम जनता को भगवंत मान सरकार में हर दिन बिजली के झटके लग रहे हैं। इसी क्रम में संगरूर जिले में एक स्वतंत्रता सेनानी का परिवार बीते एक महीने से अंधेरे में जीने के लिए मजबूर है। पीड़ित परिवार ने सीएम से मदद की गुहार लगाते हुए चेतावनी दे दी है कि अगर उनकी बिजली कनेक्शन नहीं बहाल हुआ तो वो मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आमरण अनशन देंगे।

पीड़ित परिवार कोई और नहीं, बल्कि आजादी के महान नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी औऱ स्वतंत्रता सेनानी गुरदियाल सिंह का परिवार है। उनके बेटे और बहू सरकारों की बेरुखी के शिकार हैं। ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के पावरकॉम ने उन्हें 1.36 रुपए का भारी भरकम बिल भेजा था, जिसे वो नहीं जमा कर पाए तो उनका कनेक्शन ही काट दिया। उस हलके के विधायक से पीड़ित परिवार ने मदद माँगी तो उन्होंने बिजली विभाग को उनका कनेक्शन चालू करने का आदेश दिया। लेकिन विभाग ने उनकी एक न सुनी।

सीएम भगवंत मान से लगाई गुहार

अब स्वतंत्रता सेनानी गुरदियाल सिंह के पीड़ित परिवार ने राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मदद की गुहार लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनके घर का बिजली कनेक्शन बहाल नहीं हुआ तो वो सीएम ऑफिस के सामने आमरण अनशन करेंगे।

बताया जाता है कि जब पीड़ित परिवार के घर का कनेक्शन काट दिया गया तो परिवार ने पड़ोसियों के घर से तार के जरिए बिजली लेने की कोशिश की। इस पर विभाग ने पड़ोसियों के घर का कनेक्शन भी काटने की धमकी दे डाली। ऐसे में अब हालात ये हो गए हैं कि स्वतंत्रता सेनानी का परिवार 25 दिन से भीषण गर्मी में बिन बिजली के जिंदगी काट रहा है।

2019 में भी भेजा था 98 हजार से अधिक का बिल

बिजली विभाग फरवरी 2018 में स्वतंत्रता संग्रामी कोटे से एक किलोवाट का नया मीटर लगाया था। बाद में 30 अगस्त, 2019 में स्वतंत्रता सेनानी का निधन हो गया तो अक्टूबर महीने में बिजली विभाग ने 98,850 रुपए का बिजली बिल भेज दिया। बिना बताए बिजली मीटर भी उठा ले गए। उस वक्त जब इस बिल को नहीं भरा गया तो ब्याज जोड़कर अब बिजली विभाग ने उन्हें 1 लाख 36 हजार 961 रुपए का बिल भेज दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया