न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए उमर खालिद के पक्ष में नैरेटिव चलाया जा रहा था: दिल्ली दंगों के सरगना की जमानत याचिका पर सुनवाई के वक्त सामने आई सच्चाई

उमर खालिद और उसका गैंग (फाइल फोटो)

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के आरोपित उमर खालिद की जमानत पर बुधवार (10 अप्रैल 2024) को सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि उमर खालिद के पक्ष में न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए मीडिया घरानों, एक्टिविस्ट और गैर-सरकारी संगठनों (NGO) द्वारा मीडिया और सोशल मीडिया पर झूठी कहानी गढ़ी जा रही है।

इसके एक दिन पहले, अभियोजक ने स्पष्ट रूप से बताया था कि जब खालिद जेल में नहीं था तो वह एक कहानी स्थापित करने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा था। जब दिल्ली दंगों के आरोपियों की जमानत पर सुनवाई होती थी, तब वह सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था और अपने प्रभावशाली संपर्कों का उपयोग करके कहानी सेट करता था।

कोर्ट में 9 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक (SPP) अमित प्रसाद ने उमर खालिद के साथ स्वरा भास्कर, सुशांत सिंह, ऑल्टन्यूज़, योगेन्द्र यादव, संजुक्ता बसु, पूका भट्ट जैसे कई प्रभावशाली व्यक्तियों के बीच व्हाट्सएप चैट का खुलासा किया, ताकि कोर्ट को बताया जा सके वह न्यायपालिका को अपने पक्ष में प्रभावित करने के लिए कैसे झूठी कहानी गढ़ने की साजिश रच रहा था।

उन्होंने द वायर की अरफा खानम शेरवानी के साथ एसक्यूआर इलियासी के साक्षात्कार का उदाहरण भी दिया था, जहाँ उन्होंने कई झूठे और भ्रामक बयान दिए थे। साक्षात्कार के दौरान इलियासी ने उमर खालिद की जमानत की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में 14 स्थगनों का उल्लेख किया, लेकिन आसानी से उस हिस्से को छोड़ दिया कि 14 में से सात स्थगन खालिद द्वारा माँगे गए थे।

वहीं, बुधवार (10 अप्रैल 2024) की सुनवाई में एसपीपी ने कहा कि जब उमर खालिद जेल से बाहर था तब भी वह अपने पक्ष में कहानी बदलने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों का इस्तेमाल कर रहा था। अब वह जेल में है, तब भी न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया और मीडिया में न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए अन्य लोगों द्वारा झूठ का जहर घोला जा रहा है।

अभियोजक ने तीस्ता सीतलवाड, आकार पटेल, एमनेस्टी इंटरनेशनल, अज़हर खान, कौशिक राज और स्वाति चतुर्वेदी जैसे कई नाम लिए, जो उमर खालिद की झूठी कहानी को स्थापित करने में मदद कर रहे हैं। अभियोजक ने आगे उल्लेख किया कि ये व्यक्ति और संस्थाएँ उनके समर्थन में हैशटैग चलाते हैं और झूठी कहानी को पेश करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया