दिव्यांग बच्चों का इस्लामी धर्मांतरण: सरकारी कर्मचारी इरफ़ान शेख को जमानत नहीं, HC ने कहा – पद का दुरुपयोग किया

दिव्यांग छात्रों के जबरन धर्मांतरण में अहम भूमिका निभाने वाले इरफान शेख की जमानत खारिज, मौलाना उमर गौतम के साथ जुड़ा था नाम

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार (5 अप्रैल, 2022) को नई दिल्ली में सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र में सुनने और बोलने में अक्षम दिव्यांग छात्रों को इस्लाम में जबरन धर्मांतरित कराने में शामिल इरफान शेख, उर्फ ​​इरफान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया। शेख संस्थान में सरकार द्वारा नियुक्त सांकेतिक दुभाषिया है। पुलिस की जाँच में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में जून-जुलाई 2021 में सामने आए उमर गौतम के धर्मांतरण गिरोह से इस कन्वर्जन रैकेट के तार जुड़े हुए हैं। शेख उमर गौतम के रैकेट में कथित रूप से एक महत्वपूर्ण कड़ी था।

जस्टिस रमेश सिन्हा और बृज राज सिंह ने अपने आदेश में कहा, “मामले से जुड़े तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जाँच अधिकारी ने इस मामले की तह तक जाकर याचिकाकर्ता के खिलाफ ठोस सबूत जुटाएँ हैं। आरोपित उमर गौतम और अन्य लोगों की मिलीभगत से याचिकाकर्ता ने सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र में दुभाषिया के रूप में काम करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया, धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हुआ। ऐसे में हम किस आधार पर याचिकाकर्ता को जमानत दे सकते हैं?”

एनआईए/एटीएस के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय लखनऊ के स्पेशल जज द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ शेख ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे इस मामले में फँसाया जा रहा है। उसने यह भी कहा कि FIR में उसका नाम नहीं है। वहीं उसके वकील ने दावा किया है कि ट्रायल कोर्ट ने केवल अनुमानों के आधार पर उसकी जमानत खारिज कर दी थी और सभी गवाहों के बयानों पर विचार किए बिना इस मामले में अनुमान लगाया गया था। इस पर अदालत ने कहा कि उनका नाम एफआईआर में नहीं था, लेकिन मामले में सह-आरोपित राहुल भोला और जहाँगीर के बयानों के आधार पर उनकी संलिप्तता सामने आई है। जाँच एजेंसी ने पाया कि याचिकाकर्ता इरफान खान ने लालच में आकर और गलत तरीके से दिव्यांग बच्चों के धर्मांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में ए़टीएस की टीम ने धर्मांतरण कराने वाले दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया था। इसमें से एक उमर गौतम था, जो पहले से हिंदू था। वह करीब 30 साल पहले धर्मान्तरण कर मुस्लिम बन गया था। इसके बाद से ही वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दवा सेंटर चला रहा था। यहीं से धर्मांतरण का सारा खेल खेला जाता था

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया