‘मेरी दोस्त ने अपनी बेटी को हिजाब की जगह पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा’: कट्टरपंथियों ने दी गाली, कहा – ‘अल्लाह उस लड़की को अपना गुलाम बनाए’

(प्रतीकात्मक चित्र)

कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में मुस्लिम छात्रों द्वारा हिजाब पहन कर एंट्री के लिए हिंसा की गई। साथ ही ये मामला अदालत में भी चल रहा था। इसी दौरान लेखिका अम्ब्रीन जैदी ने लिखा, “मेरी एक दोस्त हिजाब पहनती है। उसकी बेटी नौवीं कक्षा में है। उसने आकर कहा कि कुछ लड़कियाँ हिजाब पहन कर इसके प्रति अपना समर्थन दिलाना चाहती हैं, इसीलिए वो लोग पहनेगी। मेरी दोस्त ने उसे दो थप्पड़ लगाए और पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा। उसने कहा कि हिजाब/बुर्का पर वो निर्णय ले सकती है, वो अपनी शिक्षा पूरी कर लेगी।”

इसके बाद कुछ लोगों ने उन्हें भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। इस्लामी कट्टरपंथियों ने भी उन्हें गाली दी। शिफा शकीर नाम के एक व्यक्ति ने लिखा, “तुम्हें और तुम्हारी दोस्त को शर्म आनी चाहिए। तुम दोनों Sl** । होअल्लाह तुम दोनों से निपट लेगा। उस नौवीं कक्षा की छात्रा पर मुझे गर्व है। अल्लाह उसे गलत तरीके के पालन-पोषण से बचाए। अल्लाह उसे अपने प्रति आज्ञाकारी और अपना दास बनाए।”

बच्चों के हिजाब पहनने के विरोध में ट्वीट, इस्लामी कट्टरपंथियों ने दी गाली

सैयद फैजान मुस्तफा नाम के व्यक्ति ने अम्ब्रीन जैदी को रिप्लाई देते हुए लिखा, “हजरत सैय्यदा फातिमा जहरा के किरदार पर चलने और पर्दा करने वाली ख्वातीन किसी सल्तनत की नहीं बल्कि इस्लाम की शहजादियाँ कहलाती है।

एक इस्लामी कट्टरपंथी की रिप्लाई

मोहम्मद याकूब हुसैन नाम के यूजर ने लिखा, “ऐसा लगता है जैसे तुमलोग अपने बच्चों को सच बोलने और ईमानदारी बरतने जैसी अच्छी आदतें 18 वर्ष की उम्र होने के बाद ही सिखाती हो क्या? बहुत अच्छी पैरेंटिंग कर रहे हो। तुमसे भी यही उम्मीद थी।” इस पर याकूब से एक महिला ने पूछा कि क्या पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह देना ‘अच्छी आदत’ नहीं है।

ज़ाहिद दुर्रानी नाम के एक व्यक्ति ने इस पर निशाना साधते हुए लिखा, “और इसी के साथ अम्ब्रीन को हिन्दुओं ने अपने मोहल्ले में बुला कर सबसे अच्छा घर दे दिया रेंट पर। ठोको ताली।”

एडवोकेट आर सैयद नाम के व्यक्ति ने इन्हें ‘स्वार्थी अभिभावक’ बता दिया और कहा कि वो हिजाब को समर्थन देने वाले बच्चों के पिता होकर गर्व महसूस करेंगे। पत्रकार स्तुति ने लिखा कि इस ट्वीट से पता चलता है कि ‘भारतीय पैरेंटिंग’ के साथ क्या-क्या गलत है। एक अन्य पत्रकार समृद्धि सकुनिया ने दिल्ली पुलिस से कार्रवाई करने को कहा। हालाँकि, कई लोगों ने अम्ब्रीन के दोस्त की प्रशंसा भी की और कहा कि बच्चों को शिक्षा से भटकने नहीं देना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया