हरियाणा के मेवात में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को सही ठहराने में लगे हैं इस्लामवादी, गौ-रक्षक मोनू मानेसर का पुराना वीडियो कर रहे हैं साझा

मोनू मानेसर (साभार: सोशल मीडिया)

हरियाणा के नूहं में हिंदुओं द्वारा निकाली गई ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर सोमवार (31 जुलाई 2023) को कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा हमला कर दिया था। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हैं। कई दर्जन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद करके धारा 144 लगा दी गई है।

हिंसा के दौरान लगभग 3000 हिंदू महिला एवं पुरुष बंधक जैसी स्थिति में फँसे हुए थे। हालाँकि, ADG ममता सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहाँ से आए लोगों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि एके-47 से उन पर हमला किया गया और 14 साल के बच्चे तक हथियार चला रहे थे।

इस्लामवादी नूहं में हुई इस हिंसा के लिए बजरंग दल से जुड़े गौ रक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को जिम्मेदार ठहराने में लगे हैं। मोनू मानेसर के एक पुराने वीडियो का इस्तेमाल कर वे दावा कर रहे हैं कि सावन महीने के सोमवार को हुई जलाभिषेक यात्रा में मोनू मानेसर मौजूद था और हिंसा उसकी वजह से हुई।

फेसबुक यूजर साहिद डेमरोट ने 31 जुलाई 2023 को एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में साहिद ने उन हैशटैग का इस्तेमाल किया, जो मोनू मानेसर और उसकी टीम अक्सर इस्तेमाल करती है।

साभार: फेसबुक

हारुन खान नाम के एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा, “जुनैद और नासिर की हत्या का आरोपित मोनू मानेसर आज 31 जुलाई 2023 को मेवात यात्रा में मौजूद है।” उन्होंने कार्रवाई के लिए राजस्थान और हरियाणा पुलिस को टैग किया। हारून ने मेवात के नासिर ज़खोपुरिया की एक फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया था। फेसबुक पोस्ट भी डिलीट कर दिया गया है।

ट्विटर यूजर x_aliways ने ट्वीट कर दावा किया कि मोनू रैली में मौजूद था और उसने धार्मिक जुलूस को ‘मुस्लिम विरोधी’ रैली कहा। उन्होंने पुराने वीडियो का स्क्रीनशॉट शेयर किया।

ट्विटर यूजर BinT_E_Hawa___ ने पुराने वीडियो का स्क्रीनशॉट शेयर किया और मानेसर को आतंकवादी बताया।

ट्विटर यूजर द मुस्लिम ने यह भी दावा किया कि मानेसर रैली में मौजूद था। इस ट्विटर हैंडल ने मोनू मानेसर पर दंगे कराने का आरोप लगाया।

फेसबुक उपयोगकर्ता द जस्टाज लाइव, जो एक समाचार पृष्ठ प्रतीत होता है, ने दावा किया कि मोनू मानेसर हिंसा भड़काने के लिए मेवात गया था।

चूँकि विश्व हिंदू परिषद ने पहले ही स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया था कि मोनू मानेसर जुलूस में मौजूद था, इसलिए ऑपइंडिया ने इस वीडियो की जाँच की। हमें मोनू मानेसर के एक सहकर्मी और बजरंग दल कार्यकर्ता श्रीकांत द्वारा मई 2023 में साझा किया गया एक वीडियो मिला।

इसके अलावा, हमें बताया गया कि यह वीडियो पिछले साल का है। 2 अक्टूबर 2022 को पोस्ट की गई श्रीकांत की एक अन्य पोस्ट में, हमने देखा कि वीडियो में मौजूद लोगों ने वही कपड़े पहने हुए थे। ये तस्वीरें मानेसर को गौरक्षा प्रमुख बनाए जाने का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम की थीं, जिसे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आयोजित किया था।

यह स्पष्ट था कि वीडियो पिछले साल अक्टूबर का था। आगे की खोज करने पर हमें इंस्टाग्राम पर 2 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया गया वीडियो मिला।

फैसला: इस्लामवादियों ने मेवात में हिंदू विरोधी दंगों को सही ठहराने के लिए मोनू मानेसर के एक पुराने वीडियो का इस्तेमाल किया। ऑपइंडिया को दिए वीएचपी के बयान के अनुसार, मानेसर रैली में शामिल नहीं हुआ।

नूहं में हिंदू विरोधी दंगे

इस्लामवादियों ने 31 जुलाई 2023 को हरियाणा के नूहं जिले में हिंसा फैलाई। हरियाणा के कई हिस्सों में उस समय तनाव फैल गया, जब मुस्लिम बहुल क्षेत्र मेवात में जलाभिषेक शोभायात्रा पर पथराव किया गया। श्रावण सोमवार के शुभ अवसर पर जुलूस निकाला गया था।

झड़प वाले कई वीडियो में यात्रियों पर शत्रुतापूर्ण तरीके से हमला करने वाली भीड़ को ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्लाते हुए और दंगाई गतिविधियों में शामिल होते हुए सुना जा सकता है। पुलिस ने कहा कि हरियाणा के नूहं जिले में भीड़ ने जुलूस को रोकने की कोशिश की, पथराव किया और कारों में आग लगा दी। हिंसा में दो होम गार्ड की मौत हो गई और लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

राज्य सरकार ने गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही नूहं, रेवाड़ी, गुरुग्राम और फरीदाबाद में धारा 144 लगा दी है। कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 20 कंपनियों (लगभग 2000 कर्मियों) को तैनात किया। अतिरिक्त बल 6 अगस्त 2023 तक नूंह में रहेगा।

इस दल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की चार कंपनियाँ, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो कंपनियाँ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की दो कंपनियाँ और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की 12 कंपनियाँ शामिल हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया