इस्लाम और उर्दू की शिक्षा के लिए अब्बा भेजते थे मदरसा, अच्छा नहीं लगता था… इसलिए मुंबई भागा: 14 साल के बच्चे की कहानी

मदरसा भेजे जाने के डर से लड़का घर से हुआ फरार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दिल्ली के जामिया नगर से सितंबर में गायब हुआ 14 साल का बच्चा मुंबई से बरामद कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने 1 दिसंबर 2020 को प्रेस रिलीज जारी करके यह सूचना दी। इस रिलीज में बताया गया कि बच्चे के माता-पिता उस पर मदरसा जाने का दबाव बनाते थे, इसलिए उसने घर छोड़ा और अब वह मुंबई में जाकर मिला है।

पुलिस के मुताबिक 14 साल के बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट 27 सितंबर को दर्ज की गई थी। इस केस को आईपीसी की धारा 363 के तहत दर्ज किया गया था। इसके बाद एसआई जनक सिंह और एचसी रावत को इस केस की जिम्मेदारी सौंपी गई और कुछ ही समय में उन्होंने गायब लड़के के दोस्तों से उसकी जानकारी जुटाई। इस बीच बच्चे के माता-पिता से बात की गई और अंतत: बच्चे को ढूँढ लिया गया।

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आगे की पड़ताल में पुलिस ने पाया कि बच्चे के माता-पिता उसे मदरसा पढ़ाई करने के लिए भेजना चाहते थे लेकिन उसको वो जगह पसंद नहीं थी। उसे जबरन वहाँ भेजा जाता था। एक दिन उसने क्लास को छोड़कर भागने का प्लान बनाया और मुंबई निकल गया। जहाँ वह घुमक्कड़ों की तरह घूमने लगा। इसके बाद AHTU (Anti-Human Trafficking Unit) टीम ने उसे ढूँढा और पिता पुत्र की काउंसिलिंग के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीणा ने बताया कि 27 सितंबर को जब किशोर के लापता होने की शिकायत पुलिस को दी गई, तो उन्होंने यह जानकारी दक्षिणी दिल्ली की एएचटीयू टीम से साझा की। इसके बाद इस केस के लिए टीम गठित हुई और टीम ने सीसीटीवी और करीबियों से पूछताछ कर किशोर को मुंबई से बरामद कर लिया।

किशोर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके अब्बा उसे जबरदस्ती इस्लाम और उर्दू की शिक्षा के लिए मदरसे भेजता था, जबकि उसे मदरसा जाना अच्छा नहीं लगता था। इसी कारण से वह एक दिन क्लास के लिए निकला और घर वापस नहीं गया। इसके बाद वह ट्रेन में बैठकर मुंबई चला गया। मुंबई जाने के लिए उसने घर से रुपए लेकर रिजर्वेशन पहले ही करा लिया था। किशोर मुंबई में एक दुकान में काम कर रहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया