कश्मीर में बुर्कानशीं लड़कियों ने की गणेश आरती, उधर फारूक अब्दुल्ला बोले – हिन्दू धर्म में ऊँच-नीच का बँटवारा, इस्लाम में भेदभाव नहीं इसीलिए हुआ धर्मांतरण

कश्मीर की बुर्का पहनी लड़कियों ने की गणेश आरती, उधर फारूक अब्दुल्ला भड़के (साभार- वीडियो स्क्रीनशॉट, एंड आजतक)

एक तरफ जहाँ बुर्का पहने कश्मीरी लड़कियों का गणेश आरती का वीडियो वायरल हो रहा है वहीं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद के हिंदू वाले बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार (18 अगस्त, 2023) को पलटवार किया है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्य़क्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्होंने (गुलाम नबी आजाद) ऐसा बयान क्यों दिया? मैं जानना भी नहीं चाहता। मैं उनके लिए नहीं बोल सकता। वो इतिहास जानते हैं तो ऐसा बोलने की इस समय क्या जरूरत थी।”

उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर और जम्मू कश्मीर के लोगों का इतिहास विशिष्ट है। इसमें कोई संदेह नहीं एक समय यहाँ सिर्फ हिंदू थे और इनमें से अधिकांश बौद्ध बन गए थे। जब बौद्ध धर्म का दौर कमजोर हुआ तो यहाँ लोग फिर अपने पुराने धर्म में लौट आए। फिर यहाँ आमीर-ए-कबीर कश्मीर आए जिन्होंने यहाँ इस्लाम फैलाया। उन्होंने यहाँ लोगों को व्यापार, दस्तकारी सिखाई। उस समय यहाँ का हिंदू समाज बँटा हुआ था।”

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “भारत में लोगों का इस्लाम में परिवर्तित होने का एक लंबा इतिहास है। उस समय हिंदू व्यवस्था में उन्होंने लोगों को उच्च ब्राह्मण और निम्न ब्राह्मण में बाँट दिया था। निचले स्तर के ब्राह्मण को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं थी और आज दलित के साथ ठीक वैसा ही हो रहा है। इसलिए जब लोगों (हिंदुओं) ने देखा कि जब इस्लाम में कोई भेदभाव नहीं है तो उन्होंने इसे कबूल किया। यह इतिहास है। इस्लाम ने यहाँ तरक्की की, यहाँ कालीन बुनाई, लकड़ी पर नक्काशी की कला भी इस्लाम के साथ यहाँ आई। पाक कुरआन ने यहाँ की न्यायिक व्यवस्था में भी सुधार लाया।”

क्या कहा था गुलाम नबी आजाद ने

याद दिला दें कि गुलाम नबी आजाद ने जम्मू के डोडा जिले में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा था, “बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा कि कुछ मुस्लिम बाहर से आए हैं और कुछ नहीं! कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम धर्म केवल 1500 साल पहले अस्तित्व में आया जबकि हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान बाहर से आए होंगे, जिनमें से कुछ मुगल सेना में भी थे।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत में अन्य सभी मुस्लिम हिंदू धर्म से परिवर्तित हो गए। इसका उदाहरण कश्मीर में देखने को मिलता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुस्लिम कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे। वे इस्लाम में परिवर्तित हो गए। सभी हिंदू धर्म में पैदा हुए हैं।”

स्कूल में बुर्का पहनी लड़कियाँ गा रही हैं गणेश आरती

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बुर्का पहनी कश्मीरी लड़कियाँ भगवान गणेश की आरती गाते हुए नजर आ रही हैं। यह वीडियो दक्षिण कश्मीर के पहलगाम का है। वहाँ सालार के गर्ल्स हाई स्कूल की लड़कियाँ वीडियो में दिखाई दे रही हैं जो गणेश वंदना गा रही हैं। इसे सोशल मीडिया पर 370 हटने के बाद एक व्यापक और बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। 

इस वीडियो के वायरल होने के बाद जहाँ कुछ लोग लेफ्ट-लिबरलों को चिढ़ाते नजर आ रहे हैं तो वहीं इस वीडियो को फारुख अब्दुल्ला के उस बयान कि लोग (हिन्दू) इस्लाम की अच्छाई के कारण मुस्लिम बनें को ठेंगा दिखाना माना जा रहा है। यहाँ गुलाम नबी की बाद ज़्यादा माकूल है कि जम्मू कश्मीर में सब हिन्दू ही थे, और जब भी उन्हें मौका मिलता है वह न यह बात सिर्फ स्वीकारते हैं बल्कि अपने जड़ों से उस जुड़ाव को महसूस और अभिव्यक्त भी करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया