दिल्ली हिंदू विरोधी दंगो में आरोपित उमर खालिद की गिरफ्तारी की 8 प्रमुख वजहें

उमर खालिद (साभार: Telegraph)

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों की साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। उमर खालिद का नाम दिल्ली दंगों की लगभग हर चार्जशीट में दर्ज है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के पहले दिए भाषण, आरोपितों के साथ हुई बातचीत के कॉल रिकार्ड व मीटिंग और आरोपितों के बयानों में साजिशकर्ता बताते हुए उमर खालिद की गिरफ्तारी हुई है।

उमर खालिद की गिरफ्तारी की वजह:-

  1. दिल्ली दंगों में उमर खालिद की भूमिका सबसे पहली बार तब सामने आई जब 20 फरवरी को उस पर विवादित भाषण देने का आरोप लगा। उसने अपने भाषण में कहा मुस्लिमों को डोनाल्ड ट्रंप के सामने यह दिखाना ही होगा कि वह देश की सरकार के विरुद्ध लड़ रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत की यात्रा पर आए थे और इसी दिन से दंगे और हिंसा शुरू हो गई थी।
  2. दिल्ली दंगों के मामले में दायर की गई चार्जशीट में साफ़ लिखा है कि उमर खालिद दंगों के मुख्य आरोपित खालिद सैफी की मदद से ताहिर हुसैन के संपर्क में था। उमर खालिद यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (UAH) का भी हिस्सा रह चुका है, जिसने सीएए के विरोध में PUCL और अन्य के साथ मिल कर अभियान चलाया था।
  3. खालिद सैफी ने 9 जनवरी को ताहिर हुसैन और उमर खालिद के बीच शाहीन बाग़ में बैठक कराई थी। इस मीटिंग में कुछ बड़ा करने का निर्णय लिया गया था, जिससे सरकार हिल जाए।
  4. चार्जशीट के मुताबिक उमर खालिद ने ताहिर से यह भी कहा था कि दंगों के लिए पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पॉपुलर फ्रंट और इंडिया (PFI) इसकी फंडिंग करेगा।
  5. शाहीन बाग में ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के साथ मीटिंग के दौरान उमर खालिद लगातार इस बात पर जोर देता रहा कि दंगे तभी होने चाहिए, तब डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर होंगे।
  6. उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद अब स्पेशल सेल के पास चार्जशीट दायर करने के लिए 180 दिन हैं। हालाँकि, कई FIR में खालिद की दंगे में भूमिका स्पष्ट है।
  7. अंकित शर्मा की हत्या में भी ताहिर हुसैन के अलावा उमर खालिद की अहम भूमिका थी।
  8. उमर खालिद के सहयोगी ताहिर हुसैन के जिहादी भीड़ ने अंकित शर्मा की निर्ममता से हत्या कर दी थी। अंकित शर्मा के शरीर को 50 बार चाकू से वार किया गया था।

गौरतलब है कि उमर खालिद का नाम सबसे पहली बार चर्चा में आया 2016 के ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ प्रकरण के बाद। 9 फरवरी 2016 को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आतंकवादी अफज़ल गुरु की बरसी के मौके पर विरोध-प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन की वजह थी आतंकवादी अफज़ल गुरु का पुण्य स्मरण (टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए)। उस प्रदर्शन के दौरान ऐसे कई नारे लगाए गए जो डरावने और हैरान करने वाले थे, उन नारों में सबसे ज़्यादा विवादित थे भारत तेरे टुकड़े होंगे-इंशाअल्लाह, इंशाल्लाह और भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया