कैम्पस में CRPF तैनात कर 8500 छात्रों को गिरफ़्तार किया जा रहा है: JNU छात्र संघ उपाध्यक्ष ने फैलाया झूठ

छात्र संघ के वामपंथी उपाध्यक्ष साकेत मून (लाल घेरे में) ने फैलाया झूठ

जेएनयू छात्र संघ और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच की लड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है। जेएनयू के छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने आरोप लगाया कि सरकार ने जेएनयू के छात्रों को जेल भेजने के लिए कैम्पस के अंदर सीआरपीएफ को तैनात कर दिया। बाद में जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष का ये दावा झूठा निकला। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि साकेत मून का दावा पूरी तरह झूठा है और यूनिवर्सिटी कैम्पस के अंदर सीआरपीएफ की तैनाती नहीं की गई है।

जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष और वामपंथी छात्र नेता साकेत ने कहा कि ये शर्म की बात है कि सरकार ने सीआरपीएफ की तैनाती कर के छात्रों को जेल भेजने की तैयारी की है। जेएनयू के कुलपति 8500 छात्रों को जेल भेजना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ फोटो भी शेयर किया, जिसमें सीआरपीएफ के जवानों को दिखाया गया था। जेएनयू प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि जेएनयू कैंपस में सीआरपीएफ की तैनाती नहीं की गई है, कोई भी आकर देख सकता है। उन्होंने कहा कि छात्रों को गुमराह करने के लिए ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

हॉस्टल फी बढ़ाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्र जेएनयू प्रशासन के दफ्तर की ओर मार्च करने वाले थे लेकिन अचानक से 7 दिनों के प्रदर्शन के बाद उन्होंने इस प्लान को रद्द कर दिया। इसकी बजाय उन सभी छात्रों ने वसंत कुंज थाने की तरफ मार्च किया और वहाँ जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार को लेकर ‘मिसिंग रिपोर्ट’ दायर की। एबीवीपी ने पहले छात्र संघ को विरोध प्रदर्शन में अपना समर्थन दिया था लेकिन हालिया घटनाओं के बाद उसने छात्र संघ की आलोचना की है।

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एबीवीपी ने कहा कि जेएनयू छात्र संघ के पास भविष्य के लिए कोई योजना है ही नहीं। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि छात्रों के आंदोलन को छात्र संघ ने गुमराह करने और दिशा भटकाने की कोशिश की है। संगठन ने कहा कि वसंत कुञ्ज पुलिस स्टेशन जाने का फ़ैसला छात्रों की एकता को तोड़ने का प्रयास है। जेएनयू छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने भी इसी तरह का आरोप लगाया और फोटो शेयर किया।

इससे पहले छात्रों ने ऐसा हंगामा किया था कि जेएनयू के ‘डीन ऑफ स्टूडेंट्स’ उमेश कदम का ब्लड-प्रेशर अचानक से बहुत ज्यादा हो गया और उनकी तबियत ख़राब हो गई। प्रोफेसर कदम को जेएनयू के हेल्थ सेंटर में लाया गया था, जहाँ डॉक्टरों ने उनका इलाज किया था। हालाँकि, छात्र वहाँ भी पहुँच गए और उन्होंने बीमार प्रोफसर को बंधक बना लिया था। जिस एम्बुलेंस में प्रोफेसर को ले जाया जा रहा था, छात्रों ने उसे भी घेर कर नारेबाजी की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया