कानपुर किडनैपिंग और हत्या: CM योगी ने निलंबित किए 4 अधिकारी, फिरौती के ₹30 लाख की भी होगी जाँच

योगी आदित्यनाथ ने संजीत मर्डर केस पर लिया सख्त एक्शन

उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू हत्याकांड मामले के बीच लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। संजीत का अपहरण 22 जून को उसके दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था।

अपहरण के पीछे फिरौती मुख्य कारण था। हालाँकि, बाद में पता चला कि फिरौती की रकम पाने से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई और उसका शव पांडु नदी में फेंक दिया गया।

इस खबर को सुनते ही संजीत के पूरे परिवार में कोहराम मच गया। दूसरी ओर पुलिस भी लगातार नदी से उसके शव को निकालने की कोशिशों में जुटी है

इन सभी हलचल के बीच प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले पर संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। खबरों के मुताबिक, सीएम योगी ने आईपीएस ऑफिसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता समेत चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही फिरौती के पैसे की जाँच का आदेश दिया गया है। अब आगे मामले की जाँच एडीजी बीपी जोगदंड को सौंपी गई है। उन्हें तुरंत ही कानपुर पहुँचने का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण उसके ही दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था। बाद में उसे 26 जून को मौत के घाट उतार दिया गया।

अपहरणकर्ता इतने चालाक थे कि वे संजीत को मारने के बाद भी फिरौती के पैसे माँगते रहे। आखिरकार 13 जुलाई को उन्हें ये रकम मिल गई और सभी पुलिस को चकमा देकर फरार भी हो गए। लेकिन, बृहस्पतिवार की रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराए पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे पर लाया। जहाँ सबने उसे बंधक बना लिया।

4 दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा गया। लेकिन 26 तारीख को संजीत ने उनके चंगुल से भागने की कोशिश की, तभी किडनैपर्स ने उसका गला दबा कर उसे मार डाला। 27 जून को उसका शव पांडु नदी में फेंक दिया गया

यहाँ बता दें संजीत यादव की बहन का आरोप है कि थानेदार से लेकर पुलिस अफसर तक सभी भाई की मौत के जिम्मेदार हैं। वहीं, पुलिस के मुताबिक अपहरण की साजिश में संजीत के ही कुछ दोस्त शामिल थे। पुलिस ने कुछ आरोपितों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया। दो आरोपितों महिलाओं में से भी एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक, 26 जून को अपहृत संजीत यादव ने भागने की कोशिश की थी, तभी अपहरणकर्ताओं ने गला दबाकर हत्या की और 27 जून को संजीत का शव नहर में फेंक दिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपितों ने अपना जुर्म कबूल लिया है। आरोपितों ने बताया कि वो फिरौती मिलने के बाद संजीत को छोड़ने वाले थे लेकिन संजीत ने भागने की कोशिश की।

उल्लेखनीय है कि मामले के उजागर होने के बाद पुलिस की लापरवाही देखते हुए एसएचओ बर्रा और चौंकी इंचार्ज को निलंबित किया गया है। वहीं सीएम योगी ने भी इस पर गहरी नाराजगी जताई और कड़ा एक्शन लेते हुए 4 अधिकारियों को निलंबित किया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया