कर्नाटक में ‘बेड के लिए रिश्वत’ घोटाले का तेजस्वी सूर्या ने किया खुलासा, कहा- BBMP अधिकारी भी पैसे लेकर बेड बेचने में शामिल

बीजेपी सांसद ने किया बेंगलुरु में बीबीएमबी के अधिकारियों द्वारा पैसे लेकर बेड बेचने का खुलासा (साभार: तेजस्वी सूर्या के यूट्यूब चैनल से स्क्रीन ग्रैब)

बेंगलुरु शहरी और ग्रामीण इलाके में 4 मई को 21,866 मामले दर्ज किए गए। कोविड मामलों में बढ़ोतरी की वजह से शहर भर में अस्पतालों में बेड की माँग में लगातार वृद्धि हुई है। बेंगलुरु के स्वास्थ्य संकट के बीच, बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया है कि बीबीएमपी (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) में ‘बेड के लिए रिश्वत’ का खेल चल रहा है। सूर्या ने आरोप लगाया कि बीबीएमपी के वॉर रूम के अधिकारी कोविड-19 पॉजिटिव के बेडों को पैसों के लिए गलत तरीके से बुक कर रहे थे।

बीजेपी सांसद के मुताबिक, बेंगलुरु में 4065 बेड अवैध पाए गए। उन्होंने कहा कि बीबीएमपी के अधिकारी कथित रूप से पैसे के बदले में बेड बेचने का प्रयास कर रहे थे। सूर्या, विधायकों उदय गरुडाचार और सतीश रेड्डी के साथ, बीबीएमपी वॉर रूम में गए और अधिकारियों से कथित बिस्तर आवंटन घोटाले को लेकर विरोध व्यक्त किया। आगे की जाँच के लिए मामला केंद्रीय अपराध शाखा को सौंप दिया गया है।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीबीएमपी अधिकारी कोविड-19 रोगियों के लिए आवंटित बेडों को (अलक्षणी) रोगियों के लिए आवंटित कर रहे थे। उस समय वे एक बिस्तर को रोकने के लिए 50,000 रुपए से अधिक वसूल रहे थे। विरोध के दौरान, सूर्या ने नगर निकाय के अधिकारियों से सवाल किया कि उन्होंने कैसे पिछले मरीज के डिस्चार्ज होने के तीस सेकंड के भीतर एक नए रोगी को एडमिट करने की अनुमति दी।

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इसके अलावा, सूर्या ने सवाल किया कि एक दूसरे से संबंधित वॉर-रूम के कर्मियों को कैसे नियुक्त किया गया। उन्होंने 17 व्यक्तियों की भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया और जिस एजेंसी से संबंधित है उसके बारे में भी पूछा।

बीबीएमपी के अधिकारियों का विरोध करते हुए उन्होंने जिन नामों के बारे में पूछताछ की वे हैं मंसूर अली, ताहिर अली खान, सादिक पाशा, एमडी जायद, अलसाई साहेर, उमर खान, सलमान उरीफ, जमील पाशा, जबीउल्ला खान, सईद हसनैन, सईद शाहिद, सईद शहबाज, यूनुस, सैयद मोहिन और सैयद मुकेश।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में बीबीएमपी के अधिकारी, आरोग्य मित्र अस्पताल और निजी एजेंट शामिल थे।

बीबीएमपी अधिकारी, अरोग्य मित्र अस्पताल और प्राइवेट एजेंट थे शामिल

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सूर्या ने कहा कि बेंगलुरु शहर में पर्याप्त बेड हैं। हालाँकि, वॉर रूम के कर्मी बेडों को झूठे तौर पर ब्लॉक करने के रैकेट चला रहे थे। वे पैसे के बदले में उन लोगों को बिस्तर आवंटित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीबीएमपी अधिकारियों, आरोग्य मित्र अस्पतालों और निजी एजेंटों के बीच साँठगाँठ थी, जो उक्त अपराध में लिप्त थे।

उन्होंने कहा, “बेंगलुरु के लोग अपने निकट और प्रियजनों को बचाने के लिए एक अदद बेड पाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि, हर दिन बीबीएमपी बिस्तर बुकिंग प्रणाली ने दिखाया कि शहर में सभी बेड ब्लॉक हैं। हर दिन कई मरीज डिस्चार्ज हो रहे थे। कइयों की दुर्भाग्य से मौत हो गई। इसलिए वहाँ बेड उपलब्ध होने चाहिए थे, लेकिन सिस्टम ने दिखाया कि वहाँ कोई बेड उपलब्ध नहीं थे।”

उन्होंने कहा कि बीबीएमपी के कुछ अधिकारी, कुछ आरोग्य मित्र अस्पताल और अस्पतालों के बाहर कुछ निजी एजेंट थे जिन्होंने ‘बेड के लिए रिश्वत’ की योजना बनाई थी। ”लोग घर पर आइसोलेशन में थे और उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं थी कि उनके नाम पर बिस्तर बुक किए जा रहे थे। इसके बाद, बाहर के एजेंट अस्पताल के अंदर प्रभारी से बात करते थे और कुछ भुगतान करने के बाद मरीजों को बिस्तर आवंटित करते थे।”

इस घोटाले के बारे में बताते हुए, सूर्या ने कहा, “एक मरीज के लिए बिस्तर बुक करने के बाद और उसे भर्ती नहीं किया जाता है, 12 घंटे के बाद बिस्तर खाली हो जाता। उस 12 घंटे की विंडो में, एजेंट भर्ती होने की उम्मीद कर रहे रोगियों से संपर्क करते हैं और बेड उन्हें दे देते हैं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने कई लोगों से संपर्क किया जिनके नाम पर बेड बुक किए गए थे, लेकिन पाया कि वे काफी पहले ठीक हो गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि आईसीयू और वेंटिलेटर भी उन लोगों को दिए गए थे जो रिश्वत दे सकते थे।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग मंत्रियों, विधायकों और सांसदों जैसे प्रभावशाली लोगों के लिए बेड आरक्षित कर रहे थे।

CM येदियुरप्पा ने किया ‘सख्त कार्रवाई’ का वादा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का वादा किया। बाद में शाम को बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों में से दो को आगे की जाँच के लिए सीसीबी को सौंप दिया गया। रोहित और नेत्रा के रूप में पहचाने गए दो एजेंटों पर आईपीसी की धारा 420 और 384 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि वे प्रति बेड 50,000 रुपए के बदले मरीजों को आईसीयू बेड बेच रहे थे। पुलिस ने उनके बैंक खातों से 1,05,000 रुपए बरामद किए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया