‘कर्नाटक में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी की जीत के बाद पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे’: वहाँ मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर ने भी माना, कट्टरपंथियों को बचाने में लगा है जुबैर

कॉन्ग्रेस प्रत्याशी की जीत के बाद लगे 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे (फोटो साभार: वायरल वीडियो का स्क्रीनग्रैब)

कर्नाटक के बेलगावी में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी आसिफ सैत की जीत के बाद ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगने का वीडियो सामने आया था। यह वीडियो तिलकवाड़ी के मतगणना केंद्र का है। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

वीडियो वायरल होने के बाद तिलकवाड़ी पुलिस इंस्पेक्टर दयानंद जी. शेगुनासी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की है। कॉन्ग्रेस प्रत्याशी की जीत के बाद जब मुस्लिम युवक ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे तब वह मौके पर मौजूद थे। इस मामले में दर्ज एफआईआर में इंस्पेक्टर दयानंद ने ही बयान दर्ज कराया है। उन्होंने कहा है, “विधानसभा चुनाव में सुरक्षा को लेकर मेरी व अन्य लोगों की ड्यूटी तिलकवाड़ी आरपीडी कॉलेज में लगाई गई थी।

जब मैं और अन्य स्टाफ सदस्य आरपीडी कॉलेज के पास दोपहर करीब 2:30 बजे पहुँचे तब कॉन्ग्रेस के कई प्रत्याशी वहाँ आ गए और उनके समर्थकों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में नारेबाजी कर जश्न मनाया।”

उन्होंने आगे कहा, “उस दौरान कॉन्ग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे मुस्लिम युवकों की ओर से ‘जिंदाबाद जिंदाबाद पाकिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए गए। इससे राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता को खतरा पैदा हो गया और समाज के बीच नफरत पैदा हो गई। हम अलगाववाद के इरादे से कॉन्ग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की ओर से “ज़िंदाबाद जिंदाबाद पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे नारे लगाने वाले आरोपितों के खिलाफ हैं।”

पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ IPC की धारा 153, 153 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की जाँच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में कथित फैक्ट चेकर और ऑल्ट न्यूज का सह-संस्थापक समेत कई लोग आरोपितों का बचाव करने में जुटे हुए हैं। मोहम्मद जुबैर ने एक ट्वीट कर दावा किया, “मैंने बेलगावी के पुलिस इंस्पेक्टर दयानंद से बात की। उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि नारे “पाकिस्तान जिंदाबाद” के लग रहे थे या “आसिफ (राजू) सैत जिंदाबाद” के। वे वायरल वीडियो को आगे की जनक के लिए फोरेंसिक लैब भेज रहे हैं।”

जुबैर के ट्वीट से यह स्पष्ट है कि वह इस्लमावादी आरोपितों को बचाने की कोशिश कर रहा है। जबकि इंस्पेक्टर दयानंद ने FIR में कहा है कि नारेबाजी के दौरान वह खुद ही वहाँ मौजूद थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया