पति से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी केरल की सौम्या, फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के रॉकेट ने उड़ाया

इजरायल में केरल की सौम्या की मौत (साभार: द हिंदू)

इजरायल और फलस्तीन के बीच संघर्ष में एक भारतीय नागरिक की भी मौत हो गई। 31 साल की सौम्या संतोष की मौत फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के रॉकेट हमले की चपेट में आने से हुई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जब हमला हुआ उस वक्त सौम्या केरल में रह रहे अपने पति संतोष से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी।

पेशे से नर्स सौम्या केरल के इडुकी की रहने वाली थी। वह इजरायल के अश्कलोन शहर में जिस घर में रह रही थी, वह रॉकेट की चपेट में आ गया। संतोष के भाई साजी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “मेरे भाई ने वीडियो कॉल के दौरान जोरदार धमाका सुना। अचानक फोन कट गया। तब हमने तुरंत वहाँ काम कर रहे अन्य मलयाली लोगों से संपर्क किया और हमें इस घटना के बारे में जानकारी मिली।” सौम्या सात सालों से इजरायल में थी और एक बुजुर्ग महिला की देखभाल कर रही थीं। उसका एक नौ साल का बेटा भी है जो केरल में अपने पिता के साथ रहता है।

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केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने उसके निधन पर दुख जताते हुए बताया है कि उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की है। केरल के विधायक मणि सी कप्पन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा है कि ताजा संघर्ष के बाद इजरायल में रह रहे केरल के हजारों लोगों की जान को खतरा है।

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गौरतलब है कि यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद पर जुमे की नमाज से शुरू हुआ संघर्ष अब इजरायल और फलस्तीनियों के बीच युद्ध में तब्दील होता दिख रहा है। 2014 के बाद पहली बार इस तरह का संघर्ष देखने को मिला है। मंगलवार (11 मई 2021) की रात हमास ने इजरायल के कई शहरों पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे थे।

हालाँकि गाजा पट्टी से दागे गए ज्यादातर रॉकेट को आयरन डोम ने आसमान में ही नष्ट कर दिया। यह एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है जो रॉकेट की पहचान कर जवाबी मिसाइल लॉन्च करता है। इससे रॉकेट हवा में ही नष्ट हो जाता है।

रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने भी जवाबी हमले किए। इनमें फलस्तीनी क्षेत्र को भारी नुकसान की खबर है। बताया जाता है कि इजराइली एयरफोर्स ने हमास की कब्जे वाली गाजा पट्टी में एक बहुमंजिला बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। वहीं पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके लिए अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बिडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने कहा है कि उनके राष्ट्रपति रहते इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति थी। दुनिया को पता था कि अमेरिका हर हाल में इजरायल के साथ खड़ा है। यदि इजरायल को निशाना बनाया गया तो अमेरिका उसके दुश्मनों को नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिडेन की कमजोरी के कारण आज हिंसा बढ़ी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया