केरल के लोगों ने अब्दुल रहीम के लिए इकट्ठा किए ₹34 करोड़, 15 साल की लड़के की हत्या के लिए सऊदी अरब में सुनाई गई थी मौत की सजा

अब्दुल रहीम (चित्र साभार: onmanorama)

केरल के लोगों के एक बड़े समूह ने कुछ समय में ही ₹34 करोड़ इकट्ठा कर दिए। यह धनराशि अब्दुल रहीम को बचाने के लिए इकट्ठा की गई। अब्दुल रहीम को सऊदी अरब में 15 साल के लड़के की हत्या के दोष में मौत की सजा मिली है। कोझिकोड का रहने वाला अब्दुल रहीम 18 सालों से सऊदी अरब की जेल में बंद है। उस पर 2006 में 15 वर्षीय बालक को मारने का आरोप लगा था। बताया गया कि जिस लड़के की मौत हुई, उसकी अब्दुल रहीम देखभाल करता था और वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर जीवित था।

जिस लड़के की मौत हुई वह सांस लेने और खाना खाने के लिए एक विशेष डिवाइस का उपयोग करता था। यह उसके गले में बाँधा गया था। अब्दुल रहीम ने कहा कि यह डिवाइस उसकी वजह से तब हट गया जब वह पीछे की सीट पर बैठे लड़के को शांत करने की कोशिश कर रहा था। बताया गया कि यह लड़का बवाल कर रहा था और लाल बत्ती जलाने की माँग कर रहा था। जब लड़के की डिवाइस हट गई तो उसे ऑक्सीजन की कमी हो गई और उसकी मौत हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इस मौत पर चले मुकदमे में सऊदी अरब की एक अदालत ने अब्दुल रहीम को मौत की सजा सुनाई। सऊदी की सर्वोच्च अदालत ने भी यह निर्णय बरकरार रखा। अब्दुल रहीम को 2012 में सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के खिलाफ अपील भी की गई थी, लेकिन 2017 और 2022 में यह फैसला बरकरार रखा गया।

जिस लड़के की मौत हुई उसके परिवारीजनों ने कहा कि 1.5 करोड़ सऊदी रियाल (₹34 करोड़) के बदले में अब्दुल रहीम को माफ कर देंगे। इस मामले में ₹34 करोड़ उपलब्ध करवाने के लिए 16 अप्रैल तक का समय दिया गया था।

रहीम की रिहाई के लिए जिस एक्शन ग्रुप की स्थापना की गई थी, वह पाँच दिन पहले तक केवल 5 करोड़ रुपये जुटाने में सफल हुआ था। लेकिन जैसे जैसे यह बात केरल के रहने वाले अलग अलग लोगों तक पहुँची, पैसा जल्दी जल्दी इकट्ठा होने लगा। रहीम की रिहाई के लिए बनाए गए ग्रुप ने बताया कि पहले लड़के के परिवार ने रहीम को माफ़ करने से मना किया लेकिन वह पैसा लेकर माफ़ी देने को तैयार थे। रियाद से लेकर चेन्नई तक कई लोगों ने यह पैसा इकट्ठा करने में सहायता की।

अब्दुल रहीम की रिहाई के लिए काम करने वाले अशरफ वेंगट ने कहा, “हम अपने ₹34 करोड़ के टार्गेट तक पहुँच गए हैं। हमने अब तक ₹34.45 करोड़ इकट्ठा किए हैं। हमें और पैसे ना भेजे जाएँ। फ़ालतू पैसे को अच्छे कामों में लगाया जाएगा। एक बार फिर से मलयाली समुदाय ने अपनी एकता दिखाई है।” अब्दुल रहीम की माँ ने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं था कि यह धनराशी कभी इकट्ठा भी की जा सकती है।

अब्दुल रहीम की रिहाई के लिए केरल में कई चैरिटी इवेंट आयोजित किए गए और साथ ही एक यात्रा भी निकाली गई। सऊदी अरब में ‘दिया’ एक ऐसी धनराशि को कहा जाता है जो किसी की हत्या के मुआवजे में दी जाती है। इसे शरिया कानून के तहत अदालत के जरिए तय किया जाता है। इस धनराशि को जल्द ही सऊदी अरब में जमा करवा दिया जाएगा।

अब्दुल रहीम 26 साल का था, जब वह 2006 में एक परिवार के लिए ड्राइवर के रूप में काम करने के लिए सऊदी अरब गया थे। इस परिवार ने उन्हें अपने 15 वर्षीय लकवाग्रस्त बेटे की देखभाल की जिम्मेदारी दे दी, उसे सांस लेने के लिए अलग से एक डिवाइस की मदद लेनी पड़ती थी। 24 दिसंबर, 2006 में उस लड़के की मृत्यु हो गई। यह घटना अब्दुल रहीम के सऊदी में आने के महज 28 दिन बाद हुई और तब से वह जेल में बंद है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया