वृद्धाश्रम, अनाथालय, गौशाला से लेकर लड़कियों की शिक्षा तक में सहयोग: जरूरतमंदों के लिए हमेशा खड़े रहते थे अभिनेता पुनीत राजकुमार

जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे अभिनेता पुनीत राजकुमार। (चित्र साभार - true scoop news)

कन्नड़ फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता पुनीत राजकुमार का 29 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार) को निधन हो गया। वह मात्र 46 वर्ष के थे। उनकी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। उनके निधन से फिल्म जगत गहरे शोक में डूब गया है।

पुनीत राजकुमार दक्षिण भारतीय फिल्मों के सबसे महँगे कलाकारों में से एक थे। उनके चाहने वालों में समाज का हर तबका शामिल था। हालाँकि, पुनीत राजकुमार के जीवन का एक और बेहद सकारात्मक और भावनात्मक पहलू भी है। पुनीत परोपकारी स्वभाव के थे। वो जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे।

कोरोना महामारी के दौरान दिया था महत्वपूर्ण योगदान

पुनीत की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वो अपने किए गए नेक कार्यों का कभी प्रचार नहीं करते थे। वो सामाजिक संस्थाओं को दिल खोलकर मदद किया करते थे। जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, तब उन्होंने 50 लाख रुपये सहयोग के तौर पर दान किए थे। यह पैसे उन्होंने कर्नाटक सरकार के रिलीफ फंड में दिए थे।

न सिर्फ आर्थिक मदद, बल्कि पुनीत ने कोरोना के खिलाफ जागरूकता अभियान में भी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। 2020 से 2021 तक वो कोरोना के विरुद्ध जागरूकता के कई कार्यक्रमों में भागीदार रहे। पुनीत के समाज के लिए दिए योगदान को कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा ने भी सराहा था। तब उन्होंने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर के पुनीत के जनकल्याण में किए गए कार्यों के बारे में बताया था। यह ट्वीट 31 मार्च 2020 को किया गया था।

जब कोरोना अपने चरम पर था, तब पुनीत बेंगलुरु पुलिस के साथ मिलकर इसके खिलाफ लड़ रहे थे। यह अभियान उनका कोरोना की दूसरी लहर के दौरान का था। इसी के साथ उन्होंने अपने फिल्म इंडस्ट्री के साथियों को उन तमाम लोगों की मदद के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिनकी नौकरियाँ या काम धंधों पर कोरोना के चलते बुरा प्रभाव पड़ा था।

वर्ष 2019 में उत्तरी कर्नाटक में बाढ़ का प्रकोप था। उस समय भी अभिनेता पुनीत लोगों की मदद के लिए आगे आए थे। उन्होंने तब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सहायता कोष में 5 लाख रुपये का दान किया था। इसी के साथ पुनीत 26 अनाथ आश्रम और 16 वृद्ध आश्रम के साथ-साथ 19 गौशाला के संचालन में भी सहयोग करते थे। कुछ ही समय पूर्व दिए गए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वो गानों से मिला पैसा इन कामों के लिए दे देते हैं। पुनीत कई कन्नड़ भाषी स्कूलों को भी चलाने में सहयोग करते थे।

पुनीत अपनी माता के साथ मिलकर मैसूर में शक्तिधाम नाम से आश्रम भी चलाते थे। इस आश्रम के जरिये वो हजारों लड़कियों की पढ़ाई के लिए संसाधनों का इंतज़ाम किया करते थे। यह एक चैरिटेबल संस्था है। इस संस्था में बलात्कार पीड़िताओं की मदद, मानव तस्करी के विरुद्ध अभियान, वेश्यावृत्ति के खिलाफ कार्य भी किए जाते रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार अभी तक लगभग 4,000 महिलाएँ यहाँ से लाभान्वित हुई हैं।

मिल रही जानकारी के अनुसार, अभिनेता पुनीत ने अपनी आँखें दान की हैं। ऐसा ही उनके पिता डॉ राजकुमार ने भी किया था। कहा जा रहा है कि पुनीत की मृत्यु के बाद नारायण नेत्रालय के डायरेक्टर को पुनीत के घर से फोन किया गया था। यह फोन उनके भाई ने किया था। फ़ोन मृत देह से आँखें ले जाने के लिए किया गया था।

आँख प्राप्त करने वाले डाँक्टर का नाम भुजंग शेट्टी है। उन्होंने इस घटना को बेहद ही भावुक रूप में बताया। डॉक्टर के अनुसार, कई लोग मृत्यु के दौरान आँखों का दान दुःख के चलते भूल जाते हैं, लेकिन अभिनेता पुनीत के घर से डॉक्टर को इस तरह बुलाकर नेत्रदान करना अपने आप में अनोखा उदाहरण है। डॉक्टर ने पुनीत के परिवार को सिद्धांतों पर अटल परिवार बताया। साथ ही कहा कि पुनीत की आँखों से कल से 2 लोग इस दुनिया को देखेंगे। पुनीत की माँ ने भी अपनी आँखें दान की थीं।

अभिनेता पुनीत 2 घंटे जिम करके बाहर निकले तो सीने में दर्द के कारण उनकी तबियत अचानक खराब हो गई। उनको स्थानीय विक्रम अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्होंने दम तोड़ दिया। पुनीत अपने पीछे पत्नी और 2 बेटियाँ छोड़ कर गए हैं। उनकी पत्नी का नाम अश्विनी और बेटियों के नाम दृष्टि और वन्दिता हैं। पुनीत का अंतिम संस्कार 31 अक्टूबर 2021 (रविवार) को होगा। उनका अंतिम संस्कार विदेश में रहने वाली उनकी बेटी के आने के बाद होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया