‘मुस्लिमों को ना जमीन देंगे, ना उनसे सामान खरीदेंगे’: हमले से गुस्साए छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों की शपथ, BDC इलियास को बताया मुख्य आरोपी

क्या है छत्तीसगढ़ में मुस्लिम समाज के बहिष्कार की शपथ के पीछे का विवाद (चित्र साभार - भारत सम्मान)

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक समूह का मुस्लिम समाज के आर्थिक बहिष्कार की शपथ का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में गाँव के लोग शपथ ले रहे हैं कि वे किसी भी मुस्लिम की दुकान से ना सामान खरीदेंगे ना बेचेंगे, उन्हें ना ही किराए पर जमीन देने और ना ही उन्हें बेचेंगे। इसके साथ वह कसम खा रहे हैं कि गाँव के लोग मुस्लिम के यहाँ काम भी नहीं करेंगे। मामला लुंड्रा थाना क्षेत्र के आरा और कुंदीकला गाँव का बताया जा रहा है। वीडियो 6 जनवरी (गुरुवार) को वायरल हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला मारपीट से संबंधित है। नए साल (1 जनवरी) को आरा गाँव और कुंदी कला के निवासियों में आपसी विवाद हुआ था। इसके बाद इस मामले ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया। आरा गाँव के कुछ मुस्लिम युवक वाहनों में भर के कुंदीकला में घुसकर यहाँ के लोगों से मारपीट और महिलाओं से अभद्रता की थी। इस मामले में पुलिस ने धारा 147, 294, 323, 506, 452 IPC के तहत केस दर्ज किया था। पीड़ित और हमलावर अलग-अलग समुदाय से हैं।

बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों को जमानत मिल जाने के बाद कुंदीकला गाँव वाले आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिस पर हल्की धाराएँ लगाने और आरोपितों को बचाने का आरोप लगाया। इसी के विरोध में पीड़ित परिवारों ने गाँव वालों के साथ 5 जनवरी (बुधवार) को लुंड्रा थाने का घेराव किया था।

इस घटना के बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि मामले की जाँच जारी है। इस केस में दर्ज FIR में इंजमाम, मोज़िद, सेराज, फ़ज़ल और सुहैल का नाम है।

FIR

इस घटना को कवर करने पीड़ितों के गाँव में गए एक पत्रकार से स्थानीय थाना प्रभारी दिलबाग सिंह ने बदतमीजी की। उन्होंने पत्रकार को कैमरा बंद करने वरना जेल भेजने की धमकी दी। पत्रकार को पकड़ कर ले जाने के दौरान पूरे गाँव ने एक स्वर में विरोध किया, तब जाकर पुलिस पीछे हटी। थाना प्रभारी की इस हरकत का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में एक लड़की के सिर पर पट्टी बंधी दिखाई दे रही है। वीडियो में नाबालिग लग रही लड़की बता रही है कि उसे घर से खींच कर बाहर निकाला गया, मारपीट की गई और फिर गाड़ी में बैठाने की कोशिश की गई।

पीड़ित परिवार एक महिला ने बताया, “मैं घर के अंदर थी। अचानक बच्चे चिल्लाने लगे। वो मेरे घर में घुसे और मारपीट शुरू कर दिए। जो भी बीच-बचाव में आया उसे मारा गया। मेरी बेटी के साथ छेड़छाड़ की भी कोशिश हुई। हमलावरों की संख्या लगभग 50 के आसपास थी। उनके हाथों में बड़े-बड़े डंडे थे। कुछ ही देर में पुलिस आ गई। पुलिस से हमने अपनी पीड़ा बताने की कोशिश की तो हमें चुप रहने को कहा गया। फिर हम माँ-बेटी को ही थाने ले गए। उस दिन हम डर गए थे। इसलिए पूरी बात पुलिस को नहीं बता पाए।”

पीड़ित बच्ची के चाचा ने घटना के बारे में बताया, “वो लोग अचानक हमला किए। वो दरवाजे को लात मारकर अंदर घुस गए। हमारा पहले का कोई झगड़ा नहीं था। मैं दिन भर घर में ही था। मेरी भतीजी का हाथ पकड़ खींचतान करने लगे। मुझे भी गालियाँ दे कर मारा गया। इस मामले में मुख्य आरोपी इलियास BDC सदस्य है। इलियास ने हथियार निकाल कर सबको मारने के लिए कहा। साथ ही गंदी-गंदी गालियाँ दीं। थाने वालों ने खुद पर विश्वास रखने को कहा। आरोपितों ने जमानत पाने के बाद गाँव में पटाखे फोड़े। उन्होंने पूरे गाँव को जलाने और सभी हिन्दुओं को मारने की धमकी दी है। वो सभी मुस्लिम हैं। उन्हें हमसे ऐसी दुश्मनी क्यों है, हम समझ नहीं पा रहे हैं।”

गाँव के पंचायत सचिव पूरल राम ने बताया, “जब मैं शाम 6 बजे घर आया तो भीड़भाड़ थी। पहले कुछ झगड़ा हुआ था, जिसे आपस में समझा-बुझा कर खत्म कर दिया गया था। बाद में वो भीड़ की शक्ल में आए। मेरे घर में हमलावर घुस गए। वो गंदी-गंदी गालियाँ दे रहे थे। इलियास को मैं पहले से जानता था। मैं उसे समझाने लगा, तभी उसके बगल वाले ने मुझे गालियाँ दी। इतने में इलियास ने मुझे ही मारना शुरू कर दिया। मेरी नातिन को भी मारा गया। मेरे पूरे परिवार को मारा गया।”

उसी गाँव में एक अन्य बुजुर्ग ने कहा, “हमें न्याय चाहिए। वो छूटकर आ गए और जश्न मना रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है।” इसी वीडियो गाँव में मौजूद लोगों ने आरोपितों पर छेड़छाड़ और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की माँग की है। वहीं, पुलिस आक्रोशित गाँव वालों को समझने में जुटी रही।

ऑपइंडिया की पड़ताल में एक बार और निकल कर आई कि जिस स्थानीय थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह पर आरोपितों को बचाने के आरोप लग रहे हैं, उनका कार्यकाल पहले से ही विवादित रहा है। साल 2020 में उनके विरुद्ध शंकरगढ़ जिला बलरामपुर में तैनाती के दौरान गाँव वालों पर फर्जी केस और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा था।

इंस्पेक्टर दिलबाग के विरुद्ध जाँच पत्र

ऑपइंडिया ने उनका पक्ष जानने के लिए लुंड्रा थाना प्रभारी दिलबाग सिंह को सम्पर्क किया। उन्होंने बताया “वर्तमान में लॉ एन्ड ऑर्डर पूरी तरह से सामान्य है। कार्रवाई पूरी तरह से न्याय सम्मत की गई है। बीच में कुछ साम्प्रदायिक सोच वालों ने मामले को गलत रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। यहाँ सामाजिक रूप से सौहार्द्र है और कुछ समय बाद सभी को फिर से एक साथ ही रहना है। शपथ लेने वाली वीडियो की जाँच करवाई जा रही है। जाँच पूरी होने के बाद उस पर विचार किया जाएगा।”

दिलबाग सिंह टिकटॉक पर वीडियो आदि बनाने के लिए भी चर्चित रहे हैं। टिकटॉक के सवाल पर उन्होंने बताया, “मैं ट्रैफिक विभाग में काफी दिन रहा हूँ। लोगों को जागरूक करने के लिए कई वीडियो बनाई है। मेरे किसी भी वीडियो में समाज को कोई गलत संदेश नहीं दिया गया है। आज कल सोशल मीडिया का जमाना है। लोगों से जुड़े रहने के लिए मैं भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहा हूँ। मैंने छत्तीसगढ़ की एक फिल्म में भी काम किया है, जो लॉकडाउन के चलते अभी रिलीज नहीं हो पाई है। मेरे व्यक्तिगत जीवन को मेरी नौकरी से न जोड़ा जाए।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया