शिव पूजा में शामिल मेयर को मौलवी ने ‘कुफ्र’ घोषित किया, कहा- इन्हें काफिर बुलाएँ, दफनाना भी गुनाह

मौलवी (बाएँ), फिरहाद हकीम (दाएँ)

महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव भगवान की पूजा आराधना में शामिल होना कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को महँगा पड़ गया। देखते ही देखते इस्लामिक कट्टरपंथी उन्हें निशाना बनाने लगे और कुछ ही देर में उन्हें ‘कुफ्र’ घोषित कर दिया गया।

एक वायरल वीडियो में देखिए-सैयद इब्राहिम सिद्दकी नामक कट्टर मौलवी को कहते सुना जा सकता है कि कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने इस्लाम छोड़ दिया है और शिवरात्रि के पूजा समारोह में शामिल होने के बाद वो मुस्लिम नहीं रह गए।

मौलवी को कहते सुना जा सकता है कि अगर हकीम की मृत्यु होती है, तो इस्लामिक रिवाजों से संस्कार करना गुनाह माना जाएगा, क्योंकि शिवपूजा करके उन्होंने कुफ्र किया है।

गौरतलब है कि शिवरात्रि के दौरान आई वीडियो में देखा गया था कि हकीम शिवलिंग पर दूध और फूल अर्पित कर रहे थे। जिसे देखने के बाद मौलवी ने आरोप लगाया कि हकीम ने इस्लाम छोड़ दिया है और हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए, उनके रिवाजों में शामिल होने के लिए हर मुल्फी (इस्लामिक स्कॉलर) उन्हें काफिर बुलाएँ।

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मौलवी के अनुसार, हकीम हज के बावजूद, मूर्तियों की पूजा करते रहे और साथ ही नमाज भी अता की, जिसका मतलब साफ है कि वो इस्लाम की इज्जत नहीं करते। इसलिए वे हर मुस्लिम भाई से अपील करते हैं कि हकीम का समाज से बहिष्कार किया जाए। वे दरख्वास्त करते हैं मुस्लिम साथियों से कि अपने मजहब के लिए काम करें और हकीम से दूर रहे।

हैरानी की बात है कि पूरी वीडियो में हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ खुलकर जहर उगलने के बाद और हिंदू पूजा में शामिल होने के लिए कोलकाता मेयर के ख़िलाफ़ फतवा जारी करने के बाद मौलवी सिद्दकी को इस बात पर जोर देते सुना जा सकता हैं कि बंगाल धर्म और संस्कृतियों का मेलजोल था और यहाँ किसी को भी इशनिंदा करने से दूर रहना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया