लेह के 12 गाँवों में हर घर पहुँचा नल का स्वच्छ पानी, एयरपोर्ट होगा कार्बन न्यूट्रल: इंजीनियर सोनम वांगचुक ने PM मोदी को दिया धन्यवाद

इनोवेटर-इंजीनियर सोनम वांगचुक ने की पीएम मोदी की तारीफ (फाइल फोटो)

जल जीवन मिशन के तहत उमला लेह का 12वाँ ऐसा गाँव बन गया है जहाँ अब शून्य से भी नीचे के तापमान में भी अपने 25 घरों में से हरेक में नल के पानी की आपूर्ति है। वहीं लद्दाख के इनोवेटर और इंजीनियर सोनम वांगचुक ने लेह एयरपोर्ट को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए समाधान खोजने के लिए एक टीम भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया

शून्य से 15 डिग्री तक नीचे तापमान में जहाँ जनजीवन पूरी तरह जम जाया करता था, वहाँ आज लोगों के घरों में नल से पानी पहुँच रहा है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल पहुँचाने का काम लद्दाख के दुर्गम इलाके में तेजी से चल रहा है। 

अब लद्दाख के लेह जिले का उमाला 12वाँ ऐसा गाँव बन गया, जहाँ नल से पानी की सप्लाई होने लगी। नल से पानी की सप्लाई मिलने पर गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई। जश्न का माहौल बन गया। उमला गाँव के एक बाशिंदे ने बताया कि पहले सर्दियों के दिनों में हमारे पास बर्फ की परत तोड़कर पानी लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। प्रदेश प्रशासन ने अगले साल 15 अगस्त तक लद्दाख के हर घर में नल से पानी पहुँचाने का लक्ष्य तय किया है।

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख के उज्ज्वल भविष्य पर जमी बर्फ पिघलने लगी है। यहाँ विकास कार्य तेजी से चल रहा है। बर्फीले रेगिस्तान में सर्दी के मौसम में पानी के अभाव में जनजीवन बिल्कुल थम सा जाता रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन से लद्दाख में सबसे पहले पानी की समस्या का समाधान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

इधर वांगचुक ने पीएम को धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया, “धन्यवाद, नरेंद्र मोदी जी। इससे अधिक संवेदनशील सरकार की कल्पना नहीं की जा सकती! #LehAirport को बचाने की अपील करने वाले मेरे ट्वीट के बाद, उप सचिव एम घिल्डियाल के नेतृत्व में PMO की टीम लेह में उतरी, नए हवाई अड्डे का निरीक्षण किया और #CarbonNeutral लद्दाख का समाधान खोजने के लिए हमारी #HIAL टीम के साथ 4 घंटे बिताए।”

बता दें कि वांगचुक ने 13 नवंबर के एक ट्वीट में पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने और ‘लेह हवाई अड्डे को बचाने’ का आग्रह किया था। 2 मिनट के लंबे वीडियो में उन्होंने लेह एयरपोर्ट पर चल रहे निर्माण के बारे में बात की थी। उन्होंने न केवल इमारत में वास्तु दोषों की ओर इशारा किया बल्कि यह भी कहा कि इसमें कोई ‘पारंपरिक तत्व’ नहीं है। उन्होंने पीएम को उनके उस बयान की याद दिलाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत सरकार लद्दाख को कार्बन-न्यूट्रल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करेगी।

उन्होंने कहा, “हम अभी काम कर सकते हैं वरना बाद में पछताना पड़ सकता है।” गौरतलब है कि सोनम ने पिछले दिनों गलवान घाटी में भारतीय सेना की सहायता के लिए ‘सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट’ तैयार किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया