केंद्रशासित दादरा नगर हवेली और दमन दीव में गौहत्या पर उम्रकैद की सजा, ₹5 लाख तक का जुर्माना; गुजरात में भी है यही व्यवस्था

अमरोहा में गायों को जहरीला चारा बेचने वाले ताहिर पर इनाम, BDO अनस सस्पेंड (प्रतीकत्मक चित्र)

गौहत्या (Cow slaughter) पर रोक लगाने के इरादे से केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिसके तहत अब संयुक्त केंद्रशासित प्रदेश बन चुके दमन-दीव और दादरा एवं नगर हवेली में गौहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गौहत्या करने वाले दोषियों को अब राज्य में 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा एक से पाँच लाख रुपए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय (Central Goverment) ने कानूनों में संशोधन किया है। इसके तहत अब इसके दायरे में गाय, बछड़ा, बैल, साँड़ और बछिया को शामिल किया गया है। संशोधित कानून के मुताबिक, अब राज्य में गौहत्या के इरादे से इन मवेशियों का ट्रांसपोर्ट पर रोक होगी। इसके अलावा बीफ पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। दादरा नागर हवेली और दमन दीव केंद्रशासित प्रदेश में गौहत्या अब से गैर-जमानती अपराध होगा।

संशोधित कानून में क्या-क्या

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दादरा नगर हवेली और दमन-दीव (राज्य कानूनों के अनुकूलन) दूसरा आदेश 2022 के मुताबिक, मंगलवार को दोनों पूर्ववर्ती केंद्रशासित राज्यों में लागू बॉम्बे पशु संरक्षण अधिनियम 1954 में संशोधन किया गया, जो कि अब संयुक्त केंद्रशासित राज्य में प्रभावी होंगे। यह कानून निर्धारित धार्मिक दिनों या धार्मिक उद्देश्यों के लिए गाय, बछिया, बैल अथवा साँड़ को छोड़कर 15 साल से ऊपर के किसी अन्य जानवर के वध पर कानून लागू नहीं होगा।

गौरतलब है कि यही कानून गोवा और गुजरात में भी लागू है। गुजारत में गौहत्या पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। वहाँ यह अपराध गैर-जमानती है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश में भी गौहत्या पर 10 साल की जेल और पाँच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 के तहत गायों की हत्या को राज्यों को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया