बिहार: लॉकडाउन में सरकारी अधिकारी को पुलिसकर्मी ने रोका तो मिली उठक-बैठक की सजा

लॉकडाउन में सरकारी अधिकारी की गाड़ी को रोका तो मिली उठक-बैठक की सजा

देश में जारी लॉकडाउन के बीच कोरोना योद्धा अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना के खिलाफ घरों से बाहर रहकर जंग लड़ रहे हैं। अब इनका कोई तो सम्मान कर रहा है तो कोई अपने तरीके से इन्हें अपमानित भी कर रहा है। कुछ ऐसा ही मामला बिहार से आया, जहाँ एक सरकारी अधिकारी को लॉकडाउन के बीच पुलिसकर्मी द्वारा रोके जाने पर पुलिसकर्मी को उठक-बैठक की सजा भुगतनी पड़ी।

https://twitter.com/StuteeMishra/status/1252491356552998913?ref_src=twsrc%5Etfw

दरअसल, एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें आप देख सकते हैं कि एक पुलिसकर्मी कुछ अधिकारियों के सामने उठक-बैठक करते हुए उनसे माफी माँग रहा है, लेकिन कुछ ही देर में वायरल वीडियो की सच्चाई सभी के सामने आ गई।

जानकारी के मुताबिक मामला सोमवार को बिहार अररिया के बैरगाछी चौक इलाके का है। यहाँ पुलिस के साथ चौकीदार के रूप में कार्य कर रहे गणेश तात्मा ने लॉकडाउन के दौरान कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोक लिया। अपनी गाड़ी को रुकते देख कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी मनोज कुमार आग बबूला हो गए।

इसके बाद अधिकारी ने पुलिसकर्मी को उठक-बैठक करने की सजा का फरमान सुना दिया। साथ ही धमकाते हुए उससे माफी माँगने की भी बात कही। चौंकाने वाली बात यह है कि मौके पर मौजूद पुलिस के आला अधिकारी ने भी मनोज कुमार का समर्थन करते हुए चौकीदार की जमकर क्लास लगाई और फिर से अधिकारी से माफी माँगने की बात कही।

इतना ही नहीं वीडियो में मनोज कुमार ने चौकीदार को डाँटते हुए कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की वजह से वह जल्दी में हैं वरना उन्हें रोकने के बदले चौकीदार को जेल भिजवा देते। खबर के मुताबिक वीडियो वायरल होने पर अररिया एसपी धूरत सयाली ने टीम गठित कर इस मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं।

दरअसल, पास में खड़े किसी सज्जन ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जोकि कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। वीडियो में पुलिस की वर्दी पहने हुए आदमी कान पकड़कर उठक-बैठक लगा रहा है और फिर हाथ जोड़कर घुटनों के बल अधिकारी से माफी भी माँग रहा है।

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वहीं इस बीच दूसरी खबर उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर से आई, जहाँ एक जिलाधिकारी को लॉकडाउन के दौरान रोकने पर डीएम ने पुलिसकर्मी को अपने ऑफिस बुलाकर सम्मानित किया। मामला रामपुर जिले का है, यहाँ जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह जब रात में बाइक से शहर का जायजा लेने के लिए निकले तो उन्हें एक सिपाही ने रोककर बाहर घूमने का कारण पूछा।

इसके बाद सिपाही ने डीएम को लॉकडाउन की अहमियत समझाई। आधी रात लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई और सजा क्या क्या हो सकती है ये भी बताया। सिपाही के समझाने के बाद डीएम साहब ने अपनी मोटर साइकिल पर सवार होकर वहाँ से चुपचाप निकल गए।

पुलिसकर्मी की सख्त ड्यूटी से खुश होकर रामपुर डीएम ने अगली सुबह को ही उसी मोहित नाम के सिपाही को कलेक्ट्रेट में बुलवा लिया, जिसने डीएम को रात में समझाया था। डीएम ने खुश होकर न सिर्फ शाबासी दी बल्कि उसे प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया और कहा कि असली और सच्चा तो सही मायने में सिपाही ही सरकारी मुलाजिम निकला, जिसने एलआईसी चौराहे पर मुझे रोक लिया। बाकायदा उसने मुझे लॉकडाउन की अहमियत समझाई।