बाबू खान ने किया दलित नाबालिग का अपहरण और बलात्कार, आरोप – पुलिस ने पीड़िता और परिजनों को लात-घूँसों से पता: 3 निलंबित

राजस्थान के भिवाड़ी में मदरसे से जुड़े व्यक्ति पर छात्राओं से अश्लीलता आरोप (प्रतीकत्मक चित्र)

मध्य प्रदेश के छतरपुर में 13 साल की नाबालिग दलित लड़की से हुए रेप के मामले में कार्रवाई में लापरवाही बरतने के आरोप में 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन पुलिस वालों पर पीड़िता के ऊपर आरोपित से समझौते का दबाव बनाने का आरोप है। नाबालिग दलित लड़की से रेप के आरोपित का नाम बाबू खान है जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। बाबू खान पर 27 अगस्त को पीड़िता के अपहरण का आरोप लगा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 अगस्त को पीड़िता दोपहर लगभग 1 बजे अपने घर से लापता हो गई थी। लड़की के परिजनों को इस कृत्य के पीछे पास के ही रहने वाले बाबू खान के होने की जानकारी मिली। आरोप है कि जब अगले दिन 28 अगस्त, 2022 को जब पीड़िता के घर वाले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुँचे तो कि उनकी शिकायत में जबरन लड़की की उम्र 18 साल लिखवाई गई। पीड़िता 30 अगस्त को बरामद कर ली गई। लड़की ने भी अपने बयान में बाबू खान पर खुद के अपहरण और रेप का आरोप लगाया।

पीड़िता के परिजनों के मुताबिक, बेटी की गुमशुदगी के दौरान 2 महिला पुलिसकर्मियों ने उन लोगों पर बयान बदलने का दबाव बनाया। दावा किया गया है कि जब पीड़ित के घर वालों ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्हें थप्पड़ों से मारा गया। बताया ये भी जा रहा है कि बयान बदलने का दबाव डालने के लिए खुद रेप पीड़िता को लात-घूँसों और बेल्टों से मारा गया। आरोप है कि जब पुलिसकर्मी पीड़िता और उसके घर वालों को समझौते के लिए नहीं तैयार कर पाए तब उन्होंने कार्रवाई न करने की बात कह कर पीड़ितों को थाने से भगा दिया।

पीड़ित दलित परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने FIR में अपहरण की धाराएँ नहीं लगाई हैं। इस मामले की जानकारी होते ही CWC (बाल कल्याण समिति) ने प्रशासन से आरोपितों की जाँच और उन पर कड़ी कार्रवाई की माँग की। जिले के SP सचिन शर्मा ने बताया कि पीड़िता के साथ किसी भी प्रकार की मारपीट नहीं हुई है। कोतवाली प्रभारी के मुताबिक आरोपित पर पॉक्सो एक्ट और SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया