‘स्कार्फ नहीं, हिजाब था, झूठ मत फैलाओ हाजी इदरीस’: बोले NCPCR अध्यक्ष ड्रामा नहीं चलेगा, दमोह के स्कूल ने माँगी माफी; ‘लब पर दुआ’ वाला प्रेयर भी बंद

स्कूल की गैर मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनाने पर विवाद (फोटो साभार: इंडिया पोस्ट्स इंग्लिश)

विवादों में घिरे मध्य प्रदेश के दमोह के ‘गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल’ के प्रबंधन ने माफी माँगी है। कहा है कि जिस स्कार्फ को हिजाब बताकर आपत्ति जताई जा रही है, उसे बदलने का फैसला किया गया है। प्रबंधन के मुताबिक छात्राएँ स्कूल ड्रेस के लिए अपनी इच्छा के अनुसार स्कार्फ या दुपट्टा चुन सकेंगी। रिपोर्टों के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने प्रेयर में शामिल ‘दुआ’ भी बंद करने की बात कही है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्विटर पर स्कूल के प्रबंधक हाजी मुहम्मद इदरीस का एक पत्र साझा किया गया है। यह पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित है। इसमें कथित स्कार्फ के कारण लोगों की भावनाएँ आहत होने पर खेद जताई गई है। पत्र साझा करते हुए कानूनगो ने लिखा है, “यह स्कार्फ नहीं, हिजाब था। झूठ मत फैलाओ हाजी इदरीस। जाँच चल रही है। राज्य बाल आयोग की टीम दमोह पहुँचेगी जो कहना है वहीं कहना। मीडिया को प्रभावित कर जनभावनाएँ भड़का कर सहानुभूति हासिल करने का ड्रामा चलने वाला नहीं है।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है, “चार्ल्स डार्विन के मानव विकास क्रम के वैज्ञानिक सिद्धांत के विपरीत इस स्कूल में मानव उत्पत्ति का रूढ़िवादी इस्लामिक सिद्धांत बच्चों को सिखाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के जिन अधिकारियों ने इस स्कूल को मान्यता देते समय इन गम्भीर मुद्दों को नजरंदाज किया उन पर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर दमोह कलेक्टर द्वारा की जा रही जाँच को प्रभावित करने के उद्देश्य से जाँच के बीच में हाजी इदरीस बिल्डिंग की पुताई करवा कर साक्ष्य मिटा रहा है,इस सम्बंध में एनसीपीसीआर द्वारा नोटिस जारी किया जा रहा है।”

दरअसल गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल ने टॉपर बच्चों का एक पोस्टर जारी किया था। इसमें गैर मुस्लिम छात्राएँ भी हिजाब में दिख रहीं थी। इसको लेकर 30 मई 2023 को कानूनगो ने ट्वीट करते हुए कहा था, “मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक स्कूल द्वारा हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम बच्चियों को स्कूल यूनिफॉर्म के नाम पर जबरन बुर्का व हिजाब पहनाए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। इसका संज्ञान लिया जा रहा है और आवश्यक कार्रवाई हेतु जिलाधिकारी दमोह व पुलिस अधीक्षक दमोह को निर्देश प्रेषित किए जा रहे हैं।”

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी जाँच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था, “दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाने के मामले की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी से कराई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की गहन जाँच के निर्देश दिए गए हैं।”

दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस स्कूल के प्रेयर में ‘दुआ’ भी शामिल है। इसके बोल इस तरह से हैं- लब पे आती है दुआ बनकर तमन्ना मेरी, जिंदगी हो शमा की सूरत खुदाया मेरी। परिजनों को दुआ के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन स्कूल के डायरेक्टर के हवाले से इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहा गया था कि यह दुआ बच्चों के लिए होती है। अब इसे बंद करने की बात कही जा रही है।

रिपोर्ट में वायरल पोस्टर में दिखने वाली छात्रा रुपाली साहू के हवाले से बताया गया था कि स्कूल के ड्रेस कोड में सलवार, कुर्ता और स्कार्फ शामिल है। इसी स्कार्फ को हिजाब बताया जा रहा है। उसने कहा था कि स्कूल में अन्य जगहों की तरह ही पढ़ाई होती है। किसी खास मजहब के बारे में नहीं बताया जाता। प्रेयर में राष्ट्रगान के साथ ही दुआ भी होती है। रूपाली की माँ लीलावती साहू का भी कहना था कि स्कार्फ ड्रेस में शामिल है, लेकिन पहनना अनिवार्य नहीं है।

पोस्टर पर विवाद के बाद मुहम्मद इदरीस ने सफाई देते हुए कहा था कि हिजाब सिर से पैर तक होता है। जिसे हिजाब बताया जा रहा वह स्कार्फ है। इसे ड्रेस कोड की वजह से बच्चे पहनकर आते हैं। लेकिन यह पहनना अनिवार्य नहीं है। लेकिन अब उन्होंने इस पर माफी माँगते हुए स्कूल ड्रेस में दुपट्टा शामिल करने की बात कही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया