1 दिन, अलग-अलग बीमारियाँ, 24 मौतें, इनमें 12 बच्चे… महाराष्ट्र के अस्पताल में जाँच के लिए सरकार ने भेजी समिति, मेडिकल कॉलेज बोला- दवा और डॉक्टरों की कमी नहीं

नांदेड़ का शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल (फोटो साभार: शंकरराव चव्हाण अस्पताल वेबसाइट )

महाराष्ट्र के नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में बीते 24 घंटों में 24 मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में 12 शिशु सहित 7 महिलाएँ और 5 पुरुष शामिल हैं। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, सभी की मौत 30 सितंबर की रात 12 बजे से 1 अक्टूबर रात 12 बजे के बीच हुई है।

इन मौतों पर अस्पताल के डीन डॉ. श्यामराव वाकोड़े का कहना है कि मरीजों के शरीर पर इलाज का असर नहीं हुआ, इस वजह से ये मौतें हुई हैं। इन मौतों की जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की जा चुकी है और इसे कल यानी 4 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

डीन डॉ श्यामराव वाकोड़े के मुताबिक, “पिछले 24 घंटों में 24 लोगों की जान चली गई। इनमें करीब 12 बच्चों (1-2 दिन के) की मौत हो गई। ये बच्चे अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित थे। वयस्कों में 70-80 वर्ष की आयु के 8 मरीज़ थे। उन्हें मधुमेह, लीवर फेलियर और किडनी फेलियर जैसी कई समस्याएँ थीं।”

हालाँकि कई मीडिया रिपोर्ट में दवा की कमी का दावा किया जा रहा है। वहीं इस मामले में डॉ वाकोड़े मुताबिक, मरीज़ आमतौर पर गंभीर स्थिति में यहाँ आते हैं। दवाओं या डॉक्टरों की कोई कमी नहीं थी। रोगियों की उचित देखभाल की गई थी, लेकिन उनके शरीर ने इलाज का जवाब नहीं दिया जिसकी वजह से ये मौतें हुई।”

उनका कहना है कि इस अस्पताल में अधिकांश गंभीर मरीज प्राइवेट प्रैक्टिशनर के यहाँ से आते हैं वो डरकर यहाँ भेज देते हैं कि उनके वहाँ उनकी मौत होगी। इसके अलावा दूर-दराज के इलाकों के गंभीर मरीज इस सरकारी अस्पताल में आते हैं।

वहीं इस मामले में मौतों को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि अस्पताल में क्या हुआ, इसके बारे में अधिक जानकारी माँगी जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले में महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ का कहना है, “हम पूरी जाँच करेंगे। मैंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को इस संबंध में जानकारी दी है।” वही मैं अस्पताल का दौरा करूँगा और डॉक्टरों की एक समिति बनाई जाएगी।”

वहीं महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक डॉ दिलीप म्हैसेकर ने मीडिया को बताया कि मौतों की जाँच के लिए एक समिति गठित की गई है। उन्होंने बताया, “छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) जिले की तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। इसे कल 4 अक्टूबर, 2023 को दोपहर 1 बजे तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। मैं स्थिति की समीक्षा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से अस्पताल का दौरा कर रहा हूँ।”

उधर दूसरी तरफ महाराष्ट्र में इस घटना को लेकर विपक्ष ने एकनाथ शिंदे सरकार पर चौतरफा हमला करते हुए कहा, “ट्रिपल इंजन सरकार (भाजपा, एकनाथ शिंदे सेना और एनसीपी के अजीत पवार गुट की) को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा, “ट्रिपल इंजन सरकार सभी 24 निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। उन्हें जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।”

गौरतलब है कि इस मामले में कॉन्ग्रेस ने भी मंगलवार (3 अक्टूबर, 2023) को महाराष्ट्र के नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 मौतों की गहन जाँच की माँग की। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य प्रणाली पर सवाल उठाए। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने आज अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा, सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और स्थिति पर नियंत्रण रखना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया