महाराष्ट्र के दूसरे जिलों में वैक्सीन की कमी का रोना जबकि स्वास्थ्य मंत्री के जिले में तय सीमा से 60,000 अधिक की खुराक

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

जहाँ एक ओर महाराष्ट्र में राज्य सरकार वैक्सीन की कमी का रोना रो रही थी और 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक कई टीकाकरण केंद्रों को वैक्सीन की कमी के चलते बंद किया गया वहीं दूसरी ओर यह खबर आ रही है कि जालना में तय सीमा से अधिक मात्रा में टीके के खुराक दिए गए।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गृहनगर जालना को 77,000 टीके उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को आदेशित किया था जो कि जालना के 17,000 वैक्सीन के तय कोटे से कहीं ज्यादा है।

हालाँकि, टोपे ने किसी भी जिले को प्राथमिकता देने से इनकार किया है और कहा है कि यदि ऐसा हुआ है तो सिर्फ टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए। 31 मार्च को महाराष्ट्र को केंद्र से 26.77 लाख टीके की खुराक उपलब्ध कराई गई थी उसी में से जालना के लिए अतिरिक्त टीके उपलब्ध कराए गए।

जालना को वैक्सीन आपूर्ति में अनियमितता :

31 मार्च तक के आँकड़ों की बात करें तो जालना सक्रिय मरीजों के मामले में 30 जिलों से नीचे था। ऐसे में जहाँ अधिक संक्रमित मरीज मिल रहे थे और टीकाकरण भी तेज था, उन पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के जिले को अधिक प्राथमिकता दी गई।

रोजाना 600-1000 टीके लगाने वाले जालना जिले में 15-18 दिनों के लिए टीके की खुराक उपलब्ध थी फिर भी राज्य के टीकाकरण अधिकारी डॉ. डीएन पाटिल के आदेश पर औरंगाबाद से 60,000 टीके की खुराक जालना भेज दी गई।

अधिक संक्रमण वाले बीड जिले को भी जालना से कम वैक्सीन की खुराक प्राप्त हुईं जबकि बीड टीकाकरण में जालना से बेहतर प्रदर्शन कर रहा था। टीकाकरण में जालना से बेहतर प्रदर्शन करने वाले मात्र 9 जिलों को ही जालना से अधिक खुराक प्राप्त हुईं।

रिपोर्ट्स के अनुसार जब 07 अप्रैल को मुंबई में टीकों की कमी के कारण 25 टीकाकरण केंद्र बंद थे तब जालना में 50,000 खुराक उपलब्ध थीं। हालाँकि जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुरोध के बाद जालना से टीके की खुराक दूसरे जिलों को भेजी गईं जिनमें वाशिम, यवतमाल और परभनी शामिल हैं जहाँ जालना से 15,000 टीकों की खुराक स्थानांतरित की गई।

देवेन्द्र फड़नवीस का महाराष्ट्र सरकार से प्रश्न :

महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने 08 अप्रैल को राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार के द्वारा टीकों की कमी को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब दिया। महाराष्ट्र के DGIPR के ट्वीट के स्क्रीनशॉट दिखाते हुए फड़नवीस ने कहा कि 06 अप्रैल को DGIPR ने बताया था कि 1.06 करोड़ टीके महाराष्ट्र को प्राप्त हुए। 91 लाख टीके लगाए गए मतलब 15 लाख टीके अभी भी उपलब्ध थे लेकिन फिर भी सरकार ने टीकाकरण केंद्रों को बंद किया और वैक्सीन की कमी की गलत खबर दी।

पीआईबी के द्वारा दिए गए आँकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य में 65,934 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 51,880 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इसके अलावा राज्य में 891 मौतें दर्ज की गईं हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया