Remdesivir के लिए देश में हर जगह मारामारी, महाराष्ट्र के रायगढ़ में रोक: 90 मरीजों पर इंजेक्शन का साइड इफेक्ट

महाराष्ट्र: 90 लोगों पर रेमडेसिविर का साइड इफेक्ट

कोरोना वायरस के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन को बहुत कारगर माना जा रहा है। इसलिए देश में रेमडेसिविर की मारामारी बढ़ गई है। कई राज्यों में इसकी कालाबाजारी हो रही है। महाराष्ट्र सरकार इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए काफी प्रयास कर रही है। लेकिन अब इस इंजेक्शन के साइड इफेक्ट (किसी खास कंपनी के) नजर आने लगे हैं।

ताजा मामला महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का है। यहाँ 90 कोरोना मरीजों में इसके साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं, जिसके चलते पूरे जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।

महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि रायगढ़ जिले में कम से कम 90 कोरोना मरीजों को एक विशेष ब्रांड की रेमडेसिविर की खुराक दी गई थी, जिसके गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिले हैं। इतनी ज्यादा तादाद में मरीजों की शिकायत मिलने के बाद पूरे जिले में इंजेक्शन के प्रयोग पर रोक लगा दी गई है।

शिंगणे ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “यह घटना गुरुवार (29 अप्रैल 2021) को जिले के तीन अस्पतालों में सामने आई। जिन कोरोना मरीजों को इलाज के लिए हेटेरो हेल्थ केअर कंपनी का रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया गया था, उन सभी ने इससे साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) की शिकायत की थी।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह चौंकाने वाली घटना तब सामने आई, जब इंजेक्शन देने के बाद कुछ मरीजों को सर्दी और बुखार की शिकायत शुरू हुई। इसके बाद तुरंत जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके बारे में सूचित किया। मंत्री ने आश्वसत किया है कि स्थिति नियंत्रण में है और सभी मरीजों की हालत अब स्थिर है। अब चिंता का करने की कोई जरूरत नहीं है।

बताया जा रहा है कि रायगढ़ जिले में हेटेरो हेल्थ केअर कंपनी की कोविफोर इंजेक्शन की 500 डोज भेजी गई थी। इस दवा को तकरीबन 120 मरीजों पर इस्तेमाल किया गया, जिसमें से 90 मरीजों में इसके साइड इफेक्ट्स होने की बात सामने आई है। 

मामला प्रकाश में आने के बाद मुंबई में एफडीए अधिकारियों ने कोविफोर ब्रांड से जुड़े लोगों को तुरंत निलंबित कर दिया है और संबंधित चिकित्सा अधिकारियों द्वारा इस पूरी घटना की जाँच होने तक अपने बैच को वापस बुला लिया है।

इस घटना के बाद अब इसके इस्तेमाल पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोरोना संक्रमण से बचाने वाला माना जाता है। इसे खरीदने के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। कुछ लोग जरूरतमंदों को ऊँचे दामों पर नकली इंजेक्शन बेच रहे हैं। ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन असली है या नकली, ये जानना बेहद जरूरी हो गया है।

हाल ही में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी और आईपीएस अधिकारी मोनिका भारद्वाज ने दो ट्वीट के जरिए रेमडेसिविर की नकली और असली शीशी की पहचान कैसे की जाए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन के असली और नकली पैकेट की तस्वीरें शेयर करते हुए बताया है कि कि हम असली रेमडेसिविर के पैकेट की पहचान कैसे कर सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया