हाथरस हादसे से पहले हुईं 13 ऐसी घटनाएँ, जब भगदड़ में बिछ गईं लाशें: हर बार वही कहानी, अधूरे इंतजामों और प्रशासनिक नाकामी का दोषी कौन?

हाथरस में भगदड़ (फोटो साभार : इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक जुटान के दौरान भगदड़ मचने से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई, तो दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इस तरह के हादसे कोई नए नहीं हैं, बल्कि अतीत में ऐसे कई हादसे सामने आए हैं, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक जुटानों के दौरान भगदड़ जैसी घटनाओं में बड़ी संख्या में लोगों की जानें गँवानी पड़ी हैं।

धार्मिक आयोजनों से जुड़े ऐसे हादसों में एक हादसा साल 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में हुआ था, जिसमें 340 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, तो साल 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में हुए एक हादसे में कम से कम 250 लोगों की जान चली गई थी। यही नहीं, साल 2008 में ही एक हादसा हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में हुआ था, जिसमें 162 लोगों की मौत हुई थी।

ऐसे ही हादसों पर एक नजर…

31 मार्च 2023: मध्य प्रदेश के इंदौर में राम नवमी के मौके पर एक मशहूर मंदिर में पुरानी बावड़ी (कुआँ) के आसपास लोगों की भारी भीड़ जमा थी। यहाँ हवन कार्यक्रम के दौरान बावड़ी की स्लैब गिर गई थी, जिसमें कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी।

1 जनवरी 2022: जम्मू-कश्मीर में विश्वविख्यात वैष्णो देवी मंदिर क्षेत्र में भगदड़ मचने की वजह से कम से कम 12 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे में दर्जनों लोग घायल भी हुए थे। भारी भीड़ की वजह से फैली अव्यवस्था के चलते ये भगदड़ की ये घटना हुई थी।

14 जुलाई 2015 : आँध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में ‘पुष्करम’ पर्व के दौरान बड़ा हादसा हो गया था। ये हादसा गोदावरी नदी के किनारे बने घाट पर हुआ था, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी, तो 20 लोग घायल हो गए थे।

3 अक्टूबर 2014 : पटना के गाँधी मैदान में दशहरे की भीड़ जमा थी। इसी दौरान भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी, तो 26 लोग घायल हो गए थे।

13 अक्टूबर 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित रतनगढ़ के मंदिर में नवरात्रि के जश्न के दौरान बड़ा हादसा हुआ था। भगदड़ मचने से 115 लोगों की मौत हो गई थी, तो 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

19 नवंबर 2012: पटना के अदालत घाट पर आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मचने से 20 लोग घायल हो गए थे, तो 2 दर्जन लोग घायल हो गए थे। ये भगदड़ एक पुल से टूटने की अफवाह से मची थी।

8 नवंबर 2011 : हरिद्वार की हर की पौड़ी घाट पर मचे भगदड़ में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी।

14 जनवरी 2011 : केरल के इडुक्की जिले में विश्व प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर से लौट रहे श्रद्धालुओं पर पुलमेडू के पास जीप चढ़ गई थी, जिसके बाद मचे भगदड़ में कम से कम 104 लोगों की मौत हो गई थी, तो 40 से अधिक लोग घायल हो गए।

4 मार्च 2010 : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालू महाराज द्वारा बाँटे जा रहे मुफ्त कपड़े और खाने के पाने के लिए पहुँचे लोगों के बीच भगदड़ मच गई थी। ये भगदड़ कृपालू महाराज के राम जानकी मंदिर में मची थी, जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई थी।

30 सितंबर 2008: राजस्थान के जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर के पास बम की अफवाह से भगदड़ मच गई थी, जिसमें 250 लोगों की मौत हो गई थी, तो 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

3 अगस्त 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर के पास चट्टान खिसकने की अफवाह फैलने से भदगड़ मच गई थी। इस हादसे में 162 लोगों की मौत हो गई, तो 47 लोग घायल हो गए थे।

25 जनवरी 2005 : महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित मंधारदेवी के मंदिर में लगने वाले सालाना जलसे में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 340 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, तो सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। ये हादसा सीढ़ियों पर नारियल फोड़ने की वजह से हुई फिसलन के चलते हुआ था।

27 अगस्त 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में आयोजित कुँभ मेला के दौरान स्नान के समय फैली भगदड़ में 39 लोगों की मौत हो गई थी, तो करीब 140 लोग घायल हो गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया