‘गुस्ताख़-ए-रसूल की एक ही सज़ा…’- दीवारों पर ग्राफिटी लिखने वाले मो नजीर को मेंगलुरु पुलिस ने किया गिरफ्तार

मेंगलुरू में ग्राफिटी मामले पर हुई कार्रवाई

कर्नाटक के मेंगलुरु में एक अपार्टमेंट की दीवारों पर संघियों और मनुवादियों को धमकी भरी भयावह बातें लिखने के मामले में पुलिस ने गुरुवार (दिसंबर 3, 2020) को एक मोहम्मद नजीर नामक युवक को गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर आरोपित को जॉमेटो का डिलीवरी ब्वॉय बताया जा रहा है।

हालाँकि, मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट्स में बस ये लिखा है कि नजीर तीर्थहल्ली का रहने वाला है और ऑनलाइन खाना डिलीवर करने का काम करता है।

https://twitter.com/Sharanyashettyy/status/1334457180729212930?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि एक हफ्ते पहले मेंगलुरु में 28 नवंबर को पुलिस चौकी की दीवार पर एक ग्राफिटी देखी गई थी। इसमें लिखा था, “गुस्ताख़-ए-रसूल की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा।” 

इसके अलावा इससे पहले एक अपार्टमेंट की दीवार पर लिखा गया था, “हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जाए कि हमें संघियों और मनुवादियों का सामना करने के लिए लश्कर-ए-तैय्यबा और तालिबान की मदद लेनी पड़े।” आगे लश्कर के समर्थन में लिखा था, “‘लश्कर जिंदाबाद।”

मामले के उजागर होने के कुछ समय बाद ऑपइंडिया ने इस संबंध में पुलिस से बात की थी। पुलिस ने हमें तब विस्तार से जानकारी देते हुए कहा था कि पहली ग्राफिटी मेंगलुरु के सर्किट रोड स्थित अपार्टमेंट पर बनाई गई। जिसके बाद कदरी पुलिस थाने ने इस प्रकरण के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जाँच शुरू है।

इसके कुछ समय बाद पुलिस ने बताया था कि ग्राफिटी को ढक दिया गया है और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने से संबंधित अन्य धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जा चुका है। 

इस ग्राफिटी की तस्वीर सामने आने के बाद तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे। ऐसे में एसडीपीआई ने इस कृत्य के लिए हिंदुत्व कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार बताया था। SDPI ने कहा था कि संघ परिवार की भूमिका इसमें संदिग्ध है। दक्षिण कन्नड़ में SDPI की अध्यक्ष अतौल्ला जोकट्टे ने कहा था कि ऐसा इलाके की शांति भंग करने के लिए हुआ है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों मेंगलुरू की दीवारों पर लिखी गई ये बातें बिलकुल ऐसी थीं जैसे पाकिस्तान के लोग फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विरोध में उतरे थे। तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के हज़ारों समर्थक फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विरोध में रावलपिंडी की सड़कों पर उतरे थे। उनका विरोध इस मुद्दे पर था कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के अधिकार का बचाव किया था। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया